पनामा केस में शरीफ की बेटी मरयम नवाज को राहत
पनामा पेपर लीक के अनुसार, मरयम (43) और उनके दो भाइयों का लंदन स्थित संपत्ति (मेफेयर) पर मालिकाना हक है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरयम शरीफ को पनामागेट केस से फौरी तौर पर राहत दे दी है। अदालत ने मरयम के शरीफ पर आश्रित होने की दलील खारिज कर दी है। मामले की जांच के लिए कोर्ट ने संयुक्त जांच दल (जेआइटी) गठित करने का निर्देश दिया है।
पनामा पेपर लीक के अनुसार, मरयम (43) और उनके दो भाइयों का लंदन स्थित संपत्ति (मेफेयर) पर मालिकाना हक है। याची का दावा था कि मरयम, शरीफ पर आश्रित हैं। ऐसे में संपत्ति के ब्योरे में उन्हें मेफेयर का भी उल्लेख करना चाहिए था। 'डॉन' अखबार के अनुसार कोर्ट के फैसले में लिखा है, 'मरयम को कई मौकों पर पिता की ओर से पर्याप्त मात्रा में उपहार मिलते रहे हैं। ऐसे में कानूनी तौर पर यह जरूरी नहीं कि पिता के नजराने को स्वीकार करने के कारण उन्हें शरीफ पर आश्रित मान लिया जाए।
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इसके अलावा मरयम को कृषि योग्य जमीन, 20 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर और सैन्य अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त पति की पेंशन के रूप में भी आय होती है।' याची ने मरयम की लंदन स्थित कोठी में रहने की दलील दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि, जेआइटी की जांच में सुबूत मिलने पर मरयम के खिलाफ मुकदमा चल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी फौरी तौर पर राहत दे दी थी।
दवा घोटाले में पूर्व पीएम गिलानी के बेटे पर आरोप तय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के बेटे अली मूसा गिलानी पर दवा घोटाले में आरोप तय कर दिए गए हैं। मामले में नौ अन्य पर भी केस चलेगा। घोटाले को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार के दौरान वर्ष 2011 में अंजाम दिया गया था। दो पाकिस्तानी दवा कंपनियों बरलेक्स और डनास ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर बड़ी मात्रा में इफेड्राइन ड्रग हासिल की थी। अली के अलावा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन और स्वास्थ्य मंत्रालय के दो अधिकारियों पर भी अभियोग लगाए गए हैं।