फेफड़े के कैंसर में रेडियोथेरेपी यानि मौत को बुलावा!
कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरैपी आवश्यक होता है, लेकिन नये शोध के अनुसार यह इलाज करता है पर अधिक डोज से खतरे को बढ़ाता है।
इटली, प्रेट्र। फेफड़े के कैंसर के शुरुआती दौर में आमतौर पर रेडियोथेरेपी से इलाज किया जाता है। इसके जरिये कैंसर सेल्स को निष्कि्रय किया जाता है। लेकिन, ताजा शोध में इसके नए खतरे सामने आए हैं। नीदरलैंड के शोधकर्ताओं का कहना है कि रेडियोथेरेपी के इस्तेमाल से मरने की आशंका बढ़ जाती है।
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हालांकि, मौत कैंसर की वजह से नहीं होती है। दरअसल, रेडियोथेरेपी के ज्यादा डोज से दिल के बाएं हिस्से और वेना कावा (मस्तिष्क, बांह और शरीर के ऊपरी हिस्से से दिल तक ऑक्सीजन रहित रक्त ले जाने वाली सबसे बड़ी नस) में गड़बड़ी आने से पीडि़त की जान जाने की आशंका बढ़ जाती है। इसका कैंसर से कुछ लेना-देना नहीं होता है, बल्कि रेडियो विकिरण की वजह से नुकसान होता है।
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शोधकर्ता बारबरा स्टैम ने बताया कि कुछ वर्षो के अंदर दिए जाने वाले रेडिएशन और कैंसर से इतर होने वाली मौतों में गहरा संबंध सामने आया है। रेडिएशन की वजह से फेफड़े के आसपास के अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।