आखिरकार ब्रिटिश महारानी भी मैदान में उतरीं
स्कॉटलैंड की आजादी के लिए हो रहे जनमत संग्रह में ब्रिटेन के पिछड़ने की रिपोर्टो के बाद आखिरकार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने मोर्च संभाल ही लिया। सीधे राजनीतिक दखल से बचते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे पूरी उम्मीद है कि स्कॉटिश लोग अपने भविष्य के बारे में जिम्मेदारी से सोचेंगे। इसके बाद ही वे मतदान करेंगे।'
लंदन। स्कॉटलैंड की आजादी के लिए हो रहे जनमत संग्रह में ब्रिटेन के पिछड़ने की रिपोर्टो के बाद आखिरकार महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने मोर्च संभाल ही लिया। सीधे राजनीतिक दखल से बचते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे पूरी उम्मीद है कि स्कॉटिश लोग अपने भविष्य के बारे में जिम्मेदारी से सोचेंगे। इसके बाद ही वे मतदान करेंगे।'
महारानी ने इससे पहले 18 सितंबर को होने वाली जनमत संग्रह प्रक्रिया में दखलंदाजी से साफ इन्कार कर दिया था। मगर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन समेत सभी राजनीतिक दलों और वरिष्ठ नेता बार-बार स्कॉटलैंड में भी समान रूप से लोकप्रिय महारानी से यूनियन को बचाने की अपील कर रहे थे। एलिजाबेथ द्वितीय स्कॉटलैंड के एबरडीनशायर में रविवार को एक चर्च के बाहर इकट्ठा हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आपको जिम्मेदारी से मतदान करना होगा। यह आपके भविष्य का सवाल है।' पिछले ही हफ्ते बकिंघम पैलेस ने राजनेताओं से स्पष्ट कह दिया था कि महारानी को राजनीति में न घसीटा जाए। लेबर और कंजरवेटिव पार्टी को अपने तरीके से इस मसले को सुलझाना चाहिए।
यदि बृहस्पतिवार को स्कॉटिश लोगों ने आजादी के पक्ष में मतदान किया तो 189 महीनों में स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम से अलग हो जाएगा। इस बीच स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर एलेक्स सेलमंड और कैमरन जोर-शोर से लोगों को अपने-अपने पक्ष में मनाने के लिए प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। इस बीच मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी डेविड बेकहम ने लोगों से देश को न तोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि हम साथ रहे तो बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।
गॉर्डन ब्राउन बने हीरो
पूर्व प्रधानमंत्री और लेबर पार्टी के स्कॉटिश नेता गॉर्डन ब्राउन इंग्लैंड में दोबारा हीरो बन गए हैं। पूर्व पीएम को कुछ ही महीनों पहले एक सर्वे में सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाले प्रधानमंत्रियों में गिना गया था। मगर स्कॉटलैंड की आजादी के खिलाफ चल रहे बेटर टुगेदर अभियान में ब्राउन के कामों की सराहना पूरे इंग्लैंड में की जा रही है। उन्होंने बेटर टुगेदर अभियान के लिए दिन-रात एक कर दिया।
चीन की बढ़ी धुकधुकी
स्कॉटलैंड के जनमत संग्रह से ब्रिटेन का परेशान होना जायज है। मगर यहां से दूर बीजिंग में इस प्रक्रिया के चलते उथल-पुथल मची हुई है। चीन के तिब्बत, उइगर बहुल शिनजियांग और ताइवान में यदि ऐसी ही आवाज उठने लगी तो सरकार का परेशान होना तय है। जून में दूरदर्शिता दिखाते हुए चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने कहा था कि वह ब्रिटिश जनता की भावनाओं का सम्मान करते हैं। मगर लोगों को एकजुट रहना चाहिए।
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