कादरी की पार्टी चुनाव में ले सकती है हिस्सा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चुनाव सुधार को लेकर चार दिन तक आंदोलन करने वाले धार्मिक गुरु ताहिर उल कादरी ने समझौते का पालन न होने पर फिर से सड़कों पर उतरने की धमकी दी है। यही नहीं उनकी पार्टी पाकिस्तान अवामी तहरीक [पीएटी] अगले कुछ महीनों में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा ले सकती है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चुनाव सुधार को लेकर चार दिन तक आंदोलन करने वाले धार्मिक गुरु ताहिर उल कादरी ने समझौते का पालन न होने पर फिर से सड़कों पर उतरने की धमकी दी है। यही नहीं उनकी पार्टी पाकिस्तान अवामी तहरीक [पीएटी] अगले कुछ महीनों में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा ले सकती है।
कादरी और सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच गुरुवार को हुए समझौते के अनुसार 16 मार्च से पहले संसद भंग करनी होगी, ताकि 90 दिन के भीतर चुनाव कराए जा सकें। इसके अलावा सरकार के प्रतिनिधि पीएटी के साथ मिलकर कार्यवाहक सरकार के प्रधानमंत्री के लिए दो ऐसे नाम सुझाएंगे जो ईमानदार होने के साथ ही किसी के साथ पक्षपात न करे। चुनाव आयोग के गठन पर 27 जनवरी को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। चुनाव सुधारों पर भी आम चुनाव से पहले फैसला करना होगा। समझौते में आंदोलन में शामिल लोगों पर मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की बात भी शामिल है।
कादरी की चैरिटी के लिए सूचना सचिव काजिर फैजूल इस्लाम ने कहा,'हम सुनिश्चित करेंगे कि समझौते का पालन पूर्ण रूप से हो। अगर सरकार इस पर अमल करने में टालमटोल करती है तो हम जनता और मीडिया के माध्यम से उन पर दबाव बनाएंगे।' उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हम चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा हो गए हैं। हम चुनाव में भी हिस्सा ले सकते हैं। संसद भंग करने की मांग के साथ कादरी ने इस्लामाबाद में संसद के पास अपने हजारों समर्थकों के साथ गुरुवार तक चार दिन धरना दिया था।
फिर पैदा हो सकता है राजनीतिक संकट: आशंका जताई जा रही है कि कार्यकारी सरकार के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर सेना की तरफ झुकाव रखने वाले उम्मीदवार को बढ़ावा देकर कादरी एक बार फिर देश में राजनीतिक संकट खड़ा कर सकते है। देश में सैन्य शासन का लंबा इतिहास रहा है। कादरी ने 1999 में सैन्य तख्तापलट का समर्थन किया था और आंदोलन के दौरान भी सेना की जमकर प्रशंसा की थी।
कादरी को कनाडाई अधिकारियों ने भेजा समन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के फायरब्रैंड ताहिर उल कादरी को कनाडाई अधिकारियों ने समन भेजा है। वहां शरण लेने की शर्तो का उल्लंघन करने के कारण उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। शरण लेने के दौरान उन्होंने कहा था कि उन्हें पाकिस्तान में प्रवेश की इजाजत नहीं है।
द एक्सप्रेस न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक द रायल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने मिन्हाज-अल-कुरान के प्रमुख कादरी को पांच फरवरी को पेश होने को कहा है। कादरी को अब्दुल शकूर कादरी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 2008 में कनाडा से यह कहकर शरण मांगी थी कि पैगंबर मुहम्मद का कार्टून बनाने वाले डेनमार्क के कार्टूनिस्ट से मुलाकात के बाद उनकी जान को खतरा है। कादरी के हवाले से उनके वकील ने दावा किया था कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांग्वी और सिपाह-ए-साहबा ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। उन्हें शरण देने के आवेदन को 17 अक्टूबर, 2009 को स्वीकार कर लिया गया था। उन्हें छह महीने पहले ही कनाडाई पासपोर्ट जारी किया गया था। कादरी सात साल तक कनाडा में रहने के बाद पिछले महीने ही पाकिस्तान लौटे है। कई चैनलों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कादरी और उनके परिवार के सदस्य 27 जनवरी को दुबई के रास्ते टोरंटो वापस जाएंगे।
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