सत्यार्थी व मलाला के सम्मान में अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव
बच्चों का शोषण खत्म करने और हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में किए गए प्रयासों को देखते हुए अमेरिकी सीनेट ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, मलाला यूसुफजई के सम्मान में प्रस्ताव पेश किया है।
वाशिंगटन। बच्चों का शोषण खत्म करने और हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में किए गए प्रयासों को देखते हुए अमेरिकी सीनेट ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, मलाला यूसुफजई के सम्मान में प्रस्ताव पेश किया है।
सीनेटर टॉम हरकिन द्वारा लाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि सत्यार्थी ने अपने स्वयं के प्रयास से बाल श्रम की बदतर स्थितियों में से 82 हजार से ज्यादा बच्चों को मुक्त कराया। वहीं मलाला ने 11 साल की उम्र से ही पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया। इस प्रस्ताव को सीनेट की विदेश मामलों की कमेटी के पास भेजा गया है। प्रस्ताव में बताया गया कि 60 वर्षीय सत्यार्थी ने बच्चों को मुक्त कराने के अभियान में अपनी जान को भी खतरे में डाला। दूसरी ओर लड़कियों की शिक्षा की पैरवी करने से खफा तालिबान ने मलाला पर 9 अक्टूबर 2012 को जानलेवा हमला किया था। सीनेट ने अपने प्रस्ताव में सत्यार्थी और मलाला को शांति का प्रतीक बताते हुए बच्चों के आर्थिक शोषण के खात्मे और हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच की पैरवी की।
सीनेट ने दुनियाभर में इस दिशा में लगे लोगों की सराहना की और इस रास्ते में आने वाली चुनौतियों को भी रेखांकित किया। हरकिन ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के बाद सत्यार्थी को बधाई देते हुए उनके साथ अपनी तस्वीर भी ट्विटर पर साझा की है।
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