ट्रंप से मुलाकात के बाद बोले मोदी- भारत और अमेरिका 'ग्लोबल इंजन ऑफ ग्रोथ' हैं
अमेरिकी दौरे पर व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम मोदी का राष्ट्रपति ट्रम्प और मिलेनिया ट्रम्प ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
वॉशिंगटन (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मोदी के वहां पहुंचने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मिलेनिया ने खुद कार के पास आकर उनकी अगवानी की। ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए उनका आभार जताया। व्हाइट हाउस में जाने से पहले दोनों नेता गर्मजोशी से एक दूसरे के हालचाल पूछते हुए नज़र आए
आतंकवाद के खात्मे के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध- ट्रंप
दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद साझा बयान जारी किया।अपने बयान में ट्रंप ने कहा, 'व्हाइट हाउस में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का स्वागत करते हुए हमें खुशी हो रही है। बुनियादी ढांचे में सुधार और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पीएम मोदी के पास एक बड़ा दृष्टिकोण है। आज की मुलाकात के बाद मैं कह सकता हूं भारत और अमेरिका के बीच ऐसे मजबूत रिश्ते कभी नहीं रहे। पीएम मोदी मैं आपकी उपलब्धियों के लिए मैं आपको सलाम करता हूं। दोनों देशों को आतंकवाद की बुराई ने घेर रखा है। हम आतंकवाद और कट्टरपंथी विचारधारा को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम करेंगे।'
ट्रंप ने आगे कहा, 'मोदी ने मेरी बेटी इंवाका को भारत में वैश्विक उद्यमिता के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित किया और मुझे उम्मीद है इंवाका इसे स्वीकार करेगी। भारत एक अतुलनीय देश है और पीएम मोदी का यहां होना सम्मान की बात है। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तथा सोशल मीडिया पर मैं और मोदी वर्ल्ड लीडर हैं।'
आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटना प्राथमिकता- मोदी
वहीं अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा, 'शुरू से लेकर हमारी वार्ता के समापन तक राष्ट्रपति ट्रंप के मित्रता भरे स्वागत का मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। आज की बातचीत हर प्रकार से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि यह परस्पर विश्वास पर आधारित थी। मेरा यह स्पष्ट मत है कि एक मजबूत और सफल अमेरिका में ही भारत का हित है, इसी तरह भारत का विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भूमि का अमेरिका के हित में भी है। हमारे बीच क्षेत्रीय मामलों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। आप दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र हैं और हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। इस साझा विरासत को मिलकर आगे बढ़ा सकते हैं और भारत तथा अमेरिका मिलकर दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं। अफगानिस्तान में आतंकवाद से बढ़ती अस्थिरता समान चिंता का विषय है। मैंने अमेरिकी ट्रंप को सपरिवार भारत आने का न्योता भी दिया है।'
इससे पहले ट्रंप द्वारा स्वागत किए जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा- "जिस तरह का सम्मान अमेरिका ने किया वो खुशी देने वाला है और यह सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है। ट्रम्प दूर की सोचते हैं। भारत की विकास यात्रा और प्रगति पर राष्ट्रपति के साथ बातें होंगी। 2014 में ट्रम्प भारत आए थे और उस समय मेरे विषय में जो पूछा, और अच्छी बातें कही थीं। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।"
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "मोदी जिस तरह से आर्थिक मोर्चे पर काम कर रहे हैं, उसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। मोदी का आना मेरा सम्मान की बात है। वे अच्छा काम कर रहे हैं, उसके लिए वे बधाई के हकदार हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनका नहीं बल्कि 125 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। जवाब में ट्रंप ने मोदी को महान प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि उनका यहां होना गर्व की बात है। प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके अलावा उन्होंने कई और क्षेत्रों में भी शानदार काम किया है।
मोदी से मिले अमेरिकी रक्षा व विदेश मंत्री
इससे पूर्व नरेंद्र मोदी से ट्रंप प्रशासन के दो मंत्रियों ने मुलाकात की। इसमें आतंकवाद के साथ चीन व पाक के प्रति अपने रवैये से मोदी ने उन्हें अवगत कराया। अफगानिस्तान की स्थिति पर उनकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से चर्चा हुई। इस दौरान वह बोले, भारत सबका साथ सबका विकास पर अमल करता है। पड़ोसी देशों के प्रति उसका यही रुख है।
चीन के मसले पर मोदी बोले कि दक्षिणी चीन सागर पर उसका दावा गलत है। मोदी ने दोनों मंत्रियों से कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर पूरी तरह से अमल करता है। इस दौरान रक्षा मंत्री जेम्स मेटिस भी मौजूद थे।भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि पीएम ने ट्रंप के मंत्रियों से कहा कि भारत-अमेरिकी संबंधों पर पूरी दुनिया की नजर है। भारत आतंकवाद से मुकाबला करने के मामले में हर तरह से अमेरिका के साथ है, क्योंकि इससे दोनों देशों के समक्ष सुरक्षा का संकट खड़ा हो रहा है।-
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