मलेशिया में बोले पीएम मोदी, धर्म को रखें आतंक से अलग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज माइंस इंटरनेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। विश्व में तेजी से बढ़ते आतंकवाद पर मोदी ने कहा कि हमें आतंक को धर्म से जोड़ने की कोशिशों को नाकाम करना होगा। किसी भी देश को आतंकवाद का इस्तेमाल या उसे बढ़ावा
कुआलालंपुर। मलेशिया की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और उसकी सुरक्षित नर्सरी बने पाकिस्तान पर करारा हमला बोला है। उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने बगैर नाम लिए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी।
मोदी का कहना था, 'यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा न दे। उसका सुरक्षित पनाहगाह न बने। किसी भी तरह का फंड और हथियार न मुहैया कराए।' अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने धर्म को आतंक से अलग रखने की जरूरत पर बल दिया। पीएम ने विश्व समुदाय को चेताया कि ऐसा इंतजाम करो, जिससे इंटरनेट आतंकवादियों की भर्ती का जरिया न बनने पाए।विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरणमलेशिया दौरे के दूसरे दिन रविवार को कुआलालंपुर में पीएम मोदी का बेहद व्यस्त कार्यक्रम था। ईस्ट एशिया समिट में भाषण के बाद उन्होंने राम कृष्ण मिशन परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि वेद से लेकर विवेकानंद के विचार हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।
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विवेकानंद के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उनके विचारधारा पर अमल करके हम विश्व को मौजूदा संकट से उबार सकते हैं। कुआलालंपुर में भी मोदी-मोदीइसके बाद वह मलेशियन इंडियन कांग्रेस समेत भारतीय मूल के नेताओं से मिले। बाद में मोदी मलेशियन इंटरनेशनल एग्जीविशन एंड कंवेंशन सेंटर में जुटे भारत समुदाय के 15 हजार से लोगों से मुखातिब हुए। अन्य देशों की तरह यहां भी लोगों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए। पीएम ने जब तमिल में 'वड़क्कम' कह भीड़ का अभिवादन किया तो पूरा हाल तालियों से गूंज उठा। अपने संबोधन में मोदी ने पेरिस, अंकारा, माली और रूसी विमान हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद अब सिर्फ एशियाई देशों की ही समस्या नहीं रह गया है।
इसने पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया है। प्रधानमंत्री ने आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए नई वैश्विक रणनीति बनाने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने आपसी सैन्य सहयोग बढ़ाने से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे को नए सिरे से मजबूत करने पर बल दिया। पौन घंटे के भाषण में मोदी ने कहा, 'हमें धर्म को आतंक से अलग रखना होगा। मानवता में विश्वास रखने वालों और इसके विरोधियों के बीच फर्क किया जाना चाहिए। हमें समाज खासकर युवाओं के बीच आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए।'
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