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भारत से तनाव के बीच चिनफिंग के आदेश पर चीनी सेना ने लिया बड़ा फैसला

डोकलाम मुद्दे पर भारत को लगातार युद्ध की धमकी दे रहे चीन ने अब एक बड़ा फैसला लिया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 25 Jul 2017 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jul 2017 01:55 PM (IST)
भारत से तनाव के बीच चिनफिंग के आदेश पर चीनी सेना ने लिया बड़ा फैसला
भारत से तनाव के बीच चिनफिंग के आदेश पर चीनी सेना ने लिया बड़ा फैसला

 बीजिंग (जेएनएन)। भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है। सोमवार को ही चीनी सेना द्वारा पहली बार भारत को अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध की धमकी दी गई थी। इन सबके बीच अब चीनी सेना (पीएलए) ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे एक और धमकी भरे संदेश के तौर पर लिया जा रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अपनी 90वीं सालगिरह के मौके पर (1 अगस्त) इस बार सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगी। अभी तक चीन की सेना इस कार्यक्रम में सैन्य परेड ही करती थी लेकिन इस बार उसका यह फैसला भारत के साथ तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

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विश्व की संबसे बड़ी स्टैंगिग आर्मी के कंमाडर राष्ट्रपति शी चिनफिंग हैं। हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के अनुसार चिनफिंग के आदेश पर ही एक अगस्त को पीएलए की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। अखबार की मानें तो राष्ट्रपति चिनपिंग स्वयं इस अभ्यास में शामिल होंगे।

अधिकारियों ने कहा कि चिनपिंग एशिया के सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण अड्डे पर चीन के सबसे बड़े युद्ध अभ्यास में विशिष्ठ अतिथि होंगे। सेना से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि चीन के युद्धक विमान जे-20 का एक स्क्वाड्रन इस अभ्याय में शामिल हो सकता है जो इसी साल मार्च में पीएलए की वायुसेना का हिस्सा बना था।

इस युद्धाभ्यास में चीन की सेना के कई आधुनिक हथियारों को भी प्रदर्शित किया जा सकता है। आपको बता दें कि चीनी आर्मी (पीएलए) की स्थापना 1 अगस्त 1927 को तत्कालीन कम्युनिस्ट नेता माओ जीडांग की लीडरशिप में हुई थी। चिनफिंग वर्तमान में सेंट्रल मिलट्री कमीशन (सीएमसी) के मुखिया है, जिनके तहत पूरी पीएलए आती है। इससे पहले 3 सितंबर 2015 को चीनी इतिहास में पहली बार सबसे बड़ी मिलट्री परेड का आयोजन किया गया था। 

इससे पहले सोमवार को डोकलाम विवाद को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय ने धमकी भरे अंदाज में भारत को धमकाते हुए कहा था, 'हम भारतीय पक्ष को ये साफ़ कर देना चाहते हैं कि वह किसी तरह के मुग़ालते में न रहें। समस्या का हल करने के लिए हमारी पहली शर्त है कि भारत पूरे बॉर्डर एरिया से तुरंत अपने सैनिकों को वापस बुलाए, पूरे क्षेत्र की शांति सीमावर्ती क्षेत्रों की शांति पर निर्भर करती है।' उन्होंने कहा कि 'पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता।' 

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