Move to Jagran APP

सौ साल बाद सच साबित हुए आइंस्टीन, वैज्ञानिकों ने खोजी गुरुत्वाकर्षी तरंगें

भौतिक और खगोल विज्ञान के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्होंने आखिरकार गुरुत्वाकर्षी तरंगों का पता लगा लिया है, जिसकी भविष्यवाणी प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक सदी पहले ही कर दी थी।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 01:09 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 10:02 AM (IST)
सौ साल बाद सच साबित हुए आइंस्टीन, वैज्ञानिकों ने खोजी गुरुत्वाकर्षी तरंगें

वाशिंगटन। भौतिक और खगोल विज्ञान के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्होंने आखिरकार गुरुत्वाकर्षी तरंगों का पता लगा लिया है, जिसकी भविष्यवाणी प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक सदी पहले ही कर दी थी।

prime article banner

वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के विलुप्त वायुमंडल की गुत्थी सुलझायी

ब्रह्मांड को समझने के नए रास्ते खुले


वैज्ञानिकों ने इस सफलता को उस क्षण से जोड़ा है। जब गैलीलियो ने ग्रहों को देखने के लिए दूरबीन का सहारा लिया था। इन तरंगों की खोज के बाद खगोलविदों में उस्साह है। क्योंकि इसके जरिए ब्रह्मांड को समझने के नए रास्ते खुल गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये तरंगें ब्रह्मांड में भीषण टक्करों से उत्पन्न हुई थीं।

अनुसंधान में भारतीय संस्थान रहे शामिल

गुरुत्वाकर्षी तरंगों की खोज के लिए महत्वपूर्ण परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों ने डाटा विश्लेषण सहित काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंस्टिट्यूट ऑफ प्लाजमा रिसर्च गांधीनगर, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनामी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए( पुणे और राजारमन सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलाजी इंदौर सहित कई संस्थान इस परियोजना से जुड़े थे।

गुरुत्वाकर्षी तरंगों की खोज की घोषणा आईयूसीएए पुणे और वाशिंगटन डीसी, अमेरिका में वैज्ञानिकों ने समानांतर रूप से की। भारत उन देशों में से भी एक है। जहां गुरुत्वाकषर्ण प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है।

पीएम मोदी ने की भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना

इन तरंगों की खोज से संबंधित परियोजना में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'अत्यधिक गर्व है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इस चुनौतीपूर्ण खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.