Move to Jagran APP

साल 2050 तक नौ अरब लोग थाली में परोसेंगे कीड़े-मकोड़े

खाने की थाली में कीड़े परोसना। इसे सुनते ही बहुत से लोगों का मन खराब हो सकता है। लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है,जो ऐसा कर रहे हैं। दुनिया में तकरीबन दो अरब से ज्यादा आबादी अपने खाने में विभिन्न प्रकार के कीड़ों का इस्तेमाल करते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 02:50 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 03:05 PM (IST)
साल 2050 तक नौ अरब लोग थाली में परोसेंगे कीड़े-मकोड़े

नई दिल्ली। खाने की थाली में कीड़े परोसना। इसे सुनते ही बहुत से लोगों का मन खराब हो सकता है। लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है,जो ऐसा कर रहे हैं। दुनिया में तकरीबन दो अरब से ज्यादा आबादी अपने खाने में विभिन्न प्रकार के कीड़ों का इस्तेमाल करते हैं।

loksabha election banner

संयुक्त राष्ट्र फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) का कहना है कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने खाने में कीड़े-मकोड़ों को शामिल करना चाहिए। 2050 तक दुनिया की आबादी नौ अरब तक हो जाने का अनुमान है, जो कि अभी सात अरब के करीब है। भविष्य में इस बढ़ी हुई आबादी के लिए खाद्यान्न की चुनौती से निपटने का तरीका हैं कीड़े-मकोड़े। पिछली साल एफएओ की एक रिपोर्ट में लाभकारी कीड़ों को खाने पर जोर दिया गया था।

सैकड़ों हैं खाने योग्य प्रजातियांदुनिया में कीड़ों की आठ लाख प्रजातियों में करीब 1900 प्रजातियां खाने योग्य हैं। इनमें कई सौ प्रजातियां आज भी कई देशों में खाने का हिस्सा हैं। अफ्रीका के करीब 36, एशिया के 29, अमेरिका के 23 और यूरोप के 11 देशों में कीड़ों का खाने में इस्तेमाल होता है।

किफायती और सेहतमंद विकल्पकीड़े खाने का एक किफायती और सेहतमंद विकल्प हैं। एफएओ का कहना है कि कीड़े मारने की दवाओं का इस्तेमाल करते हुए उन्हें खत्म करने से कहीं बेहतर विकल्प है इन सेहतमंद कीड़ों को अपनी थाली में सजाने का। कीड़ों में बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो कि मनुष्य की सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

पढ़ें : अब फेसबुक बेचेगा सामान भी

पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय खबरें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.