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पाक ने चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियम किए सख्त, दोनों देशों के रिश्तों में दरार

दो चीनी नागरिकों के अपहरण और हत्‍या के बाद पाकिस्‍तान ने चीनी नागरिकों के लिए कड़े वीजा नियम बनाने का निर्णय लिया है।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 04:05 PM (IST)
पाक ने चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियम किए सख्त, दोनों देशों के रिश्तों में दरार
पाक ने चीनी नागरिकों के लिए वीजा नियम किए सख्त, दोनों देशों के रिश्तों में दरार

इस्‍लामाबाद (एएनआई)। पाकिस्तान ने चीन के नागरिकों के लिए वीजा नियमों को सख्त बनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय हाल ही में वीजा मानकों का उल्लंघन कर पाकिस्तान आए कथित तौर पर ईसाई धर्म का गुपचुप प्रचार करने वाले एक चीनी दंपति के क्वेटा में अपहरण और हत्या के बाद लिया गया है। यह निर्णय इस्लामाबाद में गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया।

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स्‍थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने स्‍थिति और जरूरतों को देखते हुए यह निर्णय लिया। इससे वीजा प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगा और दोनों देशों के बीच वीजा प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। रिपोर्टों के अनुसार, बीजिंग में दूतावास को वीजा के लिए उपलब्‍ध किए गए दस्तावेजों की कड़ी जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पाकिस्तान आने वाले चीनी नागरिकों द्वारा वीजा नियमों का उल्लंघन न हो सके। अब चीनी नागरिकों के आगमन पर बिजनेस वीजा और वीजा केवल देश के मान्यता प्राप्त चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा प्रमाणित और स्वीकृत असाइनमेंट लेटर के बाद ही प्रदान किए जाएंगे। इस मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्क वीजा की अवधि बढ़ाने पर केवल गृहमंत्रालय द्वारा मिली मंजूरी को ही मान्‍यता दी जाएगी वह भी केवल नियोक्ता द्वारा अनुरोध व आवश्यक दस्तावेजों के प्रावधान के बाद ही प्रदान किया जाएगा।

बता दें कि पाकिस्तान में पिछले माह जिन दो चीनी नागरिकों की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी, उनकी पहचान धार्मिक उपदेशक के रूप में हुई और ये दोनों ही वीजा मानकों का उल्लंघन करके यहां आए थे। पहले कहा जा रहा था कि वे पेशे से शिक्षक हैं, लेकिन अब उनकी पहचान धार्मिक उपदेशक के रूप में की गई। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने इनकी पहचान ली जिंग यांग (24)और मेंग ली सी (26) के रूप में की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दोनों एक कोरियाई नागरिक से उर्दू सीखने का दिखावा कर रहे थे जबकि वास्तव में वे धार्मिक उपदेशक थे। दोनों का ब्लूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा से 24 मई को अपहरण कर लिया गया था।

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