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शफाकत को पाकिस्तान ने फांसी पर लटकाया

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों की अपील को दरकिनार करते हुए उम्र विवाद में फंसे शफाकत हुसैन को आखिरकार मंगलवार को कराची सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया। शफाकत को एक बच्चे को अगवा कर उसकी हत्या करने के मामले में वर्ष 2004 में दोषी ठहराया गया था।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2015 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 06:18 PM (IST)
शफाकत को पाकिस्तान ने फांसी पर लटकाया

इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों की अपील को दरकिनार करते हुए उम्र विवाद में फंसे शफाकत हुसैन को आखिरकार मंगलवार को कराची सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया। शफाकत को एक बच्चे को अगवा कर उसकी हत्या करने के मामले में वर्ष 2004 में दोषी ठहराया गया था।

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गुलाम कश्मीर के रहने वाले शफाकत को 14 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन उसके उम्र को लेकर विवाद होने पर उसे टाल दिया गया था। उसे फांसी देने का विरोध करने वालों के मुताबिक दोषी ठहराए जाने के वक्त वह 14 साल का ही था।

पाकिस्तानी जुवेनाइल कानून के मुताबिक 18 वर्ष से कम उम्र में किए गए अपराध के मामलों में दोषी को फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। शफाकत के वकील की आपत्ति पर गृह मंत्रालय ने जांच का निर्देश दिया था, जिसमें अपराध के वक्त उसकी उम्र 23 वर्ष पाई गई थी। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी शफाकत की दलीलों को खारिज कर दिया। कानूनी दाव-पेंच के चलते उसकी फांसी को चार बार टाला गया था।


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