नवंबर में खत्म होगा पाक आर्मी चीफ का कार्यकाल, शरीफ का मुश्किल इम्तिहान
पाकिस्तान आर्मी चीफ राहेल शरीफ का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने जा रहा है। ऐसे में नवाज शरीफ के सामने एक बार फिर कई चुनौतियां पेश होने वाली हैं।
इस्लामाबाद, (रायटर)। पाकिस्तान कई सैन्य तख्तापलट का गवाह रहा है। मौजूदा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी सेना ने 1999 में सत्ता से बेदखल कर दिया था। ऐसे में जल्द ही उनका एक मुश्किल इम्तिहान होना है। उन्हें नवंबर में रिटायर हो रहे सेना प्रमुख राहिल शरीफ का उत्तराधिकारी चुनने का महत्वपूर्ण फैसला लेना है। इस फैसले का अमेरिका और भारत से अक्सर तनावपूर्ण बने रहने वाले उसके रिश्तों पर व्यापक असर होगा।
हालांकि जनरल शरीफ पहले ही कह चुके हैं कि कार्यकाल खत्म होने के बाद वे पद छोड़ देंगे। लेकिन, बदले हालात में अटकलें लगाई जा रही है कि पद छोड़ने के बाद भी वे कुछ या सभी अधिकार अपने पास रख सकते हैं। इसका कारण सामान्य नागरिकों में उनकी लोकप्रियता को बताया जा रहा है। इन अटकलों पर यकीन करने वालों में प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सहयोगी तक शामिल हैं। शरीफ के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि सेनाप्रमुख जल्द ही सोचने लगते हैं कि वे अपराजेय हैं।
इसके बावजूद सेना जनरल शरीफ को सेवाविस्तार मिलने की संभावना को सिरे से खारिज कर रही है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने हाल ही में पत्रकारों से बात करते हुए अटकलों पर ध्यान नहीं देने को कहा था। नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को कई विश्लेषक प्रधानमंत्री शरीफ के लिए खोई ताकत वापस पाने का मौका के तौर पर भी देख रहे हैं।
खत्म होनेवाला है पाक आर्मी चीफ का कार्यकाल, नवाज के सामने होगी नई चुनौती
चार दावेदार
-प्रधानमंत्री शरीफ के तीन करीबी सहयोगियों और एक शीर्ष सैन्य अधिकारी के मुताबिक सेना हाईकमान ने चार प्रमुख दावेदारों की फाइलें प्रधानमंत्री को भेजी है।
-सहयोगियों का कहना है कि शरीफ की पसंद लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे हैं। वे फिलहाल ट्रिप्लएक्सआइ कॉर्प्स के कमांडर हैं। उन्होंने अफगान सीमा से सटे स्वात घाटी में 2009 में पाकिस्तानी तालिबान को खदेड़ने के लिए चलाए गए अभियान का नेतृत्व किया था। उनका परिवार कई सालों से शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) से जुड़ा है। कुछ सुरक्षाधिकारी उन्हें जनरल राहिल शरीफ की पसंद भी मानते हैं।
-लेफ्टिनेंट जनरल ज़ुबैर हयात चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं। सैन्य मुख्यालय में वे विदेश खुफिया और ऑपरेशनल मामलों की देखरेख करते हैं। इससे पहले पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की सर्वेसर्वा स्ट्रेटेजिक प्लान्स डिवीजन के प्रमुख रह चुके हैं। कई सैन्य अधिकारी उन्हें सरकार और सेना के बीच पुल की तरह देखते हैं।
-लेफ्टिनेंट जनरल इशफाक नदीम अहमद अभी मुलतान में कमांडिंग अधिकारी हैं। उन्हें सैन्य अभियानों और पाकिस्तान तालिबान के खिलाफ अभियानों का खासा तजुर्बा है। वह पहले मिलिटरी ऑपरेशन्स के डायरेक्टर जनरल भी रह चुके हैं। पूर्व में कई अधिकार सेना प्रमुख बनने से पहले इस जिम्मेदारी को निभा चुके हैं।
-एक अन्य दावेदार आर्मी ट्रेनिंग एंड इवोल्यूशन विंग के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा भी बताए जा रहे हैं। उनका मिजाज जनरल शरीफ से काफी मिलता-जुलता है।
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