Move to Jagran APP

पाक सेना व आइएसआइ प्रमुख ने किया था लादेन का सौदाः सेमोर हर्श

अमेरिकी पत्रकार सेमोर हर्श के मुताबिक, लादेन मारे जाने से पहले पाक की हिरासत में था। पाक के तत्कालीन सेना प्रमुख व आइएसआइ प्रमुख ने अमेरिका के साथ उसका सौदा किया था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 27 Apr 2016 05:29 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 09:49 AM (IST)
पाक सेना व आइएसआइ प्रमुख ने किया था लादेन का सौदाः सेमोर हर्श

इस्लामाबाद, प्रेट्र। अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन मारे जाने से पहले पाकिस्तान की हिरासत में था। पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख व आइएसआइ प्रमुख ने अमेरिका के साथ उसका सौदा किया था। अमेरिका के प्रतिष्ठित खोजी पत्रकार सेमोर हर्श ने यह दावा किया है। लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में दो मई 2011 को अमेरिकी सील कमांडो ने कार्रवाई कर मार गिराया था।

loksabha election banner

पिछले साल भी हर्श ने एक लेख में इस तरह के दावे किए थे। उस समय अमेरिकी सरकार ने इसे खारिज कर दिया था। अपनी किताब 'द किलिंग ऑफ ओसामा बिन लादेन' में उन्होंने एक बार फिर इस दावे को सही ठहराया है। यह किताब इसी हफ्ते प्रकाशित हुई है। डॉन को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि पिछले साल उन्हें कुछ और सुबूत मिले जिससे उनकी यह धारणा मजबूत हुई है कि इस अभियान को पाकिस्तान की मदद से अंजाम दिया गया था।

14 सौ से ज्यादा रेडियो और टेलीविजन का संचालन करने वाली डेमोक्रेसी नाउ को उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के साथ मिलकर अमेरिका ने उसके ठिकाने का पता लगाने की काल्पनिक कहानी गढ़ी थी। उन्होंने कहा कि भारत के चलते पाकिस्तान लगातार सतर्क था। उसके राडार निगरानी कर रहे थे। एफ-16 विमान चौकस थे। ऐसे में पाकिस्तान की सहमति के बिना अमेरिकी हेलीकॉप्टरों के लिए एबटाबाद पहुंचना मुश्किल था।

सऊदी अरब की भी भूमिका

-2006 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने लादेन को हिंदुकुश से पकड़ा था। सऊदी अरब के कहने पर उसने एबटाबाद के परिसर में रखा। सऊदी नहीं चाहता था कि अमेरिका उससे पूछताछ करे।

-अगस्त 2010 में एक पाकिस्तानी कर्नल इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास पहुंचा। वह तत्कालीन सीआइए स्टेशन चीफ जोनाथन बैंक से मिला और उन्हें बताया कि लादेन चार साल से उनके कब्जे में है। यह कर्नल बाद में अमेरिका चला गया और फिलहाल वाशिंगटन के करीब कहीं रहता है।

-लादेन को मार गिराने का समझौता किए जाने से पाकिस्तान के कुछ जनरल नाराज थे। तत्कालीन वायु सुरक्षा कमांड के प्रमुख ने इसे सार्वजनिक करने की धमकी दी थी। इस नाराज जनरल को चुप रखने के लिए रिटायर होने के बाद पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का चेयरमैन बनाया गया।

-सीआइए ने दो मई 2011 को ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जब पाकिस्तानी अधिकारियों से बात की तो वे आसानी से इसके लिए तैयार हो गए। उस समय तक अमेरिका को लादेन के ठिकाने की जानकारी नहीं थी।

संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.