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संयुक्त राष्ट्र ने भूल सुधारी, पाक ने नहीं

संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को साहिब कहने की भूल तो सोमवार को सुधार ली लेकिन पाकिस्तान सरकार 26/11 को मुंबई हमले के अहम साजिशकर्ता और लश्कर आतंकी जकी उर रहमान लखवी की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने से चूक गई। ये चूक इस मुद्दे पर नवाज शरीफ

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 23 Dec 2014 02:51 AM (IST)Updated: Tue, 23 Dec 2014 03:23 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने भूल सुधारी, पाक ने नहीं

इस्लामाबाद। संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज सईद को साहिब कहने की भूल तो सोमवार को सुधार ली लेकिन पाकिस्तान सरकार 26/11 को मुंबई हमले के अहम साजिशकर्ता और लश्कर आतंकी जकी उर रहमान लखवी की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने से चूक गई। ये चूक इस मुद्दे पर नवाज शरीफ सरकार की संजीदगी की ओर इशारा करती है। इतना ही नहीं, प्रतिबंधित आतंकी गुट लश्कर-ए-झांगवी के प्रमुख मलिक इशाक को सोमवार को रिहा कर दिया गया है। पाकिस्तान सरकार के उसकी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने पर विचार न करने से उसे छोड़ा गया।

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इस्लामाबाद में आतंकवाद रोधी अदालत के लखवी को जमानत मिलने के बाद सोमवार को पाकिस्तान सरकार के वकील को हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करनी थी। लेकिन अभियोजन पक्ष निचली अदालत के फैसले की कॉपी नहीं मिलने से अपील दायर नहीं कर सका। उल्लेखनीय है कि निचली अदालत में भी अभियोजन पक्ष ने यही कहा था कि वह मामले में और गवाह पेश करना चाहते थे लेकिन उससे पहले ही अदालत का फैसला आ गया। उन्हें तब भी अदालत का फैसला अप्रत्याशित लगा था।

इसी रवैये को जारी रखते हुए पाकिस्तान के प्रमुख सरकारी वकील चौधरी अजहर ने सोमवार को कहा कि उन्हें आतंकवाद रोधी अदालत के फैसले की प्रति मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। चूंकि कोर्ट का आदेश मिलने तक अपील संभव नहीं इसलिए मंगलवार को भी अपील दायर कर पाना मुमकिन नहीं। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद भी उन्हें अपील की याचिका तैयार करने के लिए भी वक्त चाहिए होगा।

उल्लेखनीय है कि इसी 18 दिसंबर को एटीसी इस्लामाबाद के जज कौसर अब्बास जैदी ने 54 वर्षीय लखवी के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के आधार पर उसे जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया था। लेकिन पाकिस्तान सरकार उसे जेल से छोड़ती उससे पहले ही भारत ने अपना कड़ा ऐतराज जताया। इससे मजबूर होकर पाकिस्तान सरकार ने उस पर शांति भंग की दफाएं लगाकर उसे अगले तीन महीने तक जेल में बंद रखने का ऐलान कर दिया। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि लखवी के खिलाफ वह सोमवार को हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उल्लेखनीय है कि पाक सरकार ने लखवी को पेशावर में 148 लोगों के आतंकी हमले में मारे जाने के अगले ही दिन जमानत मंजूर की थी। 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 से अधिक लोग मारे गए थे। इस हमले की साजिश और पाकिस्तान से उसके संचालन की पूरी कमान लखवी ने संभाली थी। पाक आतंकी अजमल कसाब ने अपना जुर्म कबूलते हुए लखवी को मुख्य साजिशकर्ता बताया था।

लश्कर ए झांगवी प्रमुख रिहा

लाहौर। प्रतिबंधित आतंकी गुट लश्कर ए झांगवी के प्रमुख मलिक इशाक को सोमवार को रिहा कर दिया गया है। पाकिस्तान सरकार के उसकी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने पर विचार न करने से उसे छोड़ा गया। आतंकी मलिक इशाक को पिछले तीन सालों से भड़काऊ बयान देने और जनता के लिए खतरा होने के मामले में हिरासत में लिया गया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने इशाक को सोमवार को लाहौर हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच के सामने पेश किया था।

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