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बात करते समय आंखें नहीं मिलाना नस्लवाद है: ऑक्सफोर्ड

ऑक्सफोर्ट युनिवर्सिटी के मुताबिक सीधे तौर पर आंखें मिलाकर बात ना करना भी नस्लवाद की श्रेणी में आता है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 10:16 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 10:49 AM (IST)
बात करते समय आंखें नहीं मिलाना नस्लवाद है: ऑक्सफोर्ड
बात करते समय आंखें नहीं मिलाना नस्लवाद है: ऑक्सफोर्ड

लंदन(एजेंसी) नस्लवाद पर एक नई अवधारणा तय करते हुए ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड ने कहा है कि बातों करते समय आंखें नहीं मिलाने पर भी नस्लवाद का दोषी माना जा सकता है। समाचार पत्र 'द टेलीग्राफ' के अनुसार विश्वविद्यालय की समता व विविधता इकाई ने अपने स्नातक के विद्यार्थियों को सलाह दी है कि उनका किसी से सीधे तौर पर आंखे मिलाकर बात न करना भी नस्लीय व्यवहार के तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही किसी के मतभेदों को लेकर मजाक बनाना और सीधे तौर पर बात न करना रोजमर्रा के नस्लवाद में आता है।

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बहरहाल कुछ आलोचकों नें इस बात को गलत ठहराया है उनका कहना है कि इससे छात्र अति संवेदनशील हो जायेंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ केंट में व्याख्याता डॉक्टर जोआना विलियम्स ने कहा कि यह परामर्श पूरी तरह बकवास है और इससे विद्यार्थी बहुत अधिक संवेदनशील हो जाएंगे कि वे किसी के साथ बात कैसे करें।

पिछले साल ऑक्सफोर्ड के कानून के छात्रों से भी कहा गया था कि वे हिंसा संबंधी मामलों को कवर करने वाली कक्षाओं से दूरी बना सकते हैं अगर उनको डर है कि इसकी बातें उनको परेशान कर सकती हैं।

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