नेपाल के नए संविधान संशोधन बिल के विरोध में उतरा विपक्ष
नेपाल में मुख्य विपक्षी पार्टी नऐ संशोधन बिल का विरोध कर रही है।
काठमांडू (प्रेट्र)। नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल नए संविधान संशोधन बिल के विरोध में उतर गई है। उसने प्रचंड सरकार पर देश को राजनीतिक अनिश्चितता के दौर पर ढकेलने का आरोप लगाया है। पार्टी ने सरकार के प्रयास को विफल करने के लिए विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस बिल को मधेसी दलों की मांगों को पूरा करने के प्रयास में पेश किया गया है।
सीपीएन-यूएमएल ने बयान में कहा कि पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में एक उच्च स्तरीय टीम को चुनाव आयोग के पास भेजने का निर्णय लिया गया। यह टीम सरकार की हालिया गतिविधियों के बारे में आयोग को बताएगी। पार्टी ने कहा कि नए संविधान संशोधन बिल से देश को फिर अनिश्चितता वाले दौर में ढकेल दिया गया है। यह संविधान की भावना और लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ है। इस बिल का मई में होने वाले निकाय चुनाव पर असर पड़ेगा और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
सरकार बिल को तुरंत वापस ले और इस पर सभी दूसरी पार्टियों के साथ न्यूनतम सहमति बनाए। प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने चुनाव में मधेसी दलों को साथ लाने के लिए हाल ही में नया बिल पेश किया था। नए बिल के तहत सरकार संघीय आयोग बना सकती है जो कई प्रांतों और उनकी सीमाओं के मसले पर अपने सुझाव देगी। मधेसियों ने संसद में समुचित प्रतिनिधित्व और संघीय सीमाओं के पुन:निर्धारण से संबंधित मांगों को लेकर सितंबर 2015 से लेकर पिछले साल फरवरी तक आंदोलन किया था।
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