अगर ले रहे पेनकिलर, तो हो जाएं सावधान
दर्दनिवारक दवाइयों के सेवन से बचने की सलाह देते हुए शोधकर्ताओं ने कहा है कि ये खतरनाक साबित हो सकते हैं।
वाशिंगटन, आइएएनएस। दर्द होने की स्थिति में आमतौर पर लोग ओपियॉड आधारित दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं। इससे दर्द में त्वरित राहत मिल जाती है, लेकिन उसका असर महीनों तक रहता है। इसे क्रोनिक पेन कहते हैं।
कैंसर में मददगार दर्द निवारक दवा
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पीडि़तों को दर्द निवारक दवा लेते वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनहोंने चूहों पर इसका सफल परीक्षण भी किया है। विशेषज्ञों ने बताया कि दर्द से राहत के लिए मॉर्फीन से इलाज के बाद दर्द के लंबी अवधि में तब्दील होने की बात सामने आई है। इसके कारण स्पाइनल कॉर्ड में स्थित एक विशेष इम्यून सेल्स की ओर से मस्तिष्क को दर्द का संकेत भेजने में वृद्धि की बात सामने आई है।
उनका मानना है कि दर्द की स्थिति में ओपियॉड आधारित दवा देने के कारण क्रोनिक पेन का मामला सामने आता है। उन्होंने कहा, ओपियॉड का थोड़े समय के लिए इस्तेमाल भी खतरनाक साबित हो सकता है।