विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के नाम रोपे गए 298 पेड़
युक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान फ्लाइट एमएच17 में किये गए मिसाइल हमले के तीन साल पूरे हो चुके हैं। हमले में करीब 298 लोग मारे गए थे।
द हेग (एएफपी)। युक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान फ्लाइट एमएच17 में किये गए मिसाइल हमले के तीन साल पूरे हो चुके हैं। हमले में करीब 298 लोग मारे गए थे। मारे लोगों के लगभग 2,000 रिश्तेदारों ने इस अवसर पर इकट्ठे होकर उनकी याद में बनाए गए स्मारकों का अनावरण किया साथ ही उनकी याद में कुल 298 पेड़ लगाए जिन्हें 'उम्मीद' और 'भविष्य' का प्रतीक कहा गया। जानकारी के मुताबिक, 17 जुलाई 2014 को मलेशियन एयरलाइन एमएच17 एम्सटर्डम से क्वालालंपुर जा रही थी जब ये हमला हुआ।
डच किंग विलियम-अलेक्जेंडर और रानी मैक्सिमा ने भी एक विशेष समारोह में सरकारी और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के साथ मिलकर एम्स्टर्डम के शिफोल हवाई अड्डे के पास विजफुइज़ेन पार्क में स्मारकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। एक परिवार ने कहा, इस आयोजन का मतलब पीड़ितों को केवल सम्मान देना नहीं है बल्कि हम एक ऐसे जगह की स्थापना करना चाहते हैं जहां 298 यात्रियों की यादों को सहेज कर रख जा सके।
त्रासदी की तीसरी वर्षगांठ पूरे होने पर भी अब तक किसी भी दोषी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है हालांकि इस महीने नीदरलैंड में जांच की जाने की घोषणा की गई थी। इससे पहले डच की अगुवाई वाली जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला था कि हमले में उपयोग किये गए मिसाइलों को रूस से रूसी विद्रोहियों द्वारा लाया गया था।
फाउंडेशन ने कहा, प्रत्येक पीड़ित के नाम एक पेड़ लगाया जा रहा है। इसके अलावा जंगल के बीचोंबीच आंख के आकार में 11 अलग अलग पेड़ लगाए गए जो आकाश की तरफ देखता प्रतीत हो रहा है, जहां आंखों के पुतलियों में उन सभी पीड़ितों के नाम लिखे गए हैं। इसके साथ ही 16 वर्षीय गैरी के नाम एक सेब के पेड़ लगाया गया जिसकी बॉडी का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। गैरी के पिता ने कहा, हम गैरी को भूलना नहीं चाहते हैं और इस पेड़ के रुप में वो हमेशा हम सबके साथ रहेंगे। इन पेड़ों को देखकर हम अपने प्रियजनों को याद कर पायेंगे।
यह भी पढ़ें : एमएच 17 विमान को मारने के लिए मिसाइल रूस से लाया गया था- जांच रिपोर्ट