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ओबामा ने पेश की मिसाल, व्हाइट हाउस में पहले ट्रांसजेंडर की नियुक्ति

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रांसजेंडर समुदाय तक पहुंच बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने पहली बार व्हाइट हाउस में एक ट्रांसजेंडर कर्मचारी की नियुक्ति की है।अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रांसजेंडर समुदाय तक पहुंच बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने पहली

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2015 03:10 AM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2015 06:43 AM (IST)
ओबामा ने पेश की मिसाल, व्हाइट हाउस में पहले ट्रांसजेंडर की नियुक्ति

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रांसजेंडर समुदाय तक पहुंच बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने पहली बार व्हाइट हाउस में एक ट्रांसजेंडर कर्मचारी की नियुक्ति की है।

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व्हाइट हाउस ने बताया कि रैफी फ्रीडमैन गुर्सपैन को कर्मचारी निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया है। पुरुष से महिला बनीं रैफी राष्ट्रपति के निजी कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगी।


रैफी इससे पहले अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर ट्रांसजेंडर इक्वलिटी में पॉलिसी एडवाइजर थीं। ओबामा के वरिष्ठ सलाहकार वालेरेई जारेट ने कहा,'रैफी ने अमेरिका में रह रहे ट्रांसजेंडर के हक के लिए लड़ाई लड़ी है। उनकी कोशिशें दिखाती हैं कि उनमें प्रशासनिक क्षमता है। नेशनल सेंटर फॉर ट्रांसजेंडर इक्वलिटी की मारा केसिलिंग ने कहा है कि इस नियुक्ति से ट्रांसजेंडर अधिकारों की लड़ाई को मजबूती मिलेगी।


मुश्किलों भरा जीवन


होंडुरास में जन्मी रैफी का उनकी मां ने अकेले लालन-पालन किया। उनका बचपन काफी मुश्किलों भरा रहा है। वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण उन्हें अमेरिका में काफी समय हिरासत में बिताना पड़ा था। साथ ही प्रवासी ट्रांसजेंडरों से जुड़ी कई अन्य नीतियों के कारण भी उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी। अमेरिका की जेलों में ट्रांसजेंडर के हालात सुधारने, ट्रांसजेंडरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर उन्होंने आंदोलन भी चलाया था।


दो माह पहले की घटना


रैफी की नियुक्ति उस घटना के करीब दो महीने बाद हुई है, जब बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रही जेनिसेट गुतिएरेज ने व्हाइट हाउस में एलजीबीटी समुदाय के समारोह में राष्टï्रपति बराक ओबामा को अपनों प्रश्नों से परेशानी में डाल दिया था। इससे ट्रांसजेंडर समुदाय को लेकर ओबामा प्रशासन को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी। गौरतलब है कि बतौर राष्ट्रपति 2012 से पहले तक ओबामा समलैंगिक विवाह के विरोधी थे। हालांकि बाद में उन्होंने अपना नजरिया बदल लिया। उन्होंने अमेरिकी सेना में कार्यरत समलैंगिकों के लिए डोंट आस्क एंड डोंट टेल नीति भी लागू की।


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