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बोतल रखने की झंझट खत्म: अब बुलबुले में मिलेगा पानी, गटक भी सकेंगे

अमेरिका में हर साल 3.5 करोड़ प्लास्टिक बोतलें फेंकी जाती हैं। दुनिया के 192 देशों में समुद्र में बोतलें फेंकने के मामले में भारत का स्थान 12वां है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 08:50 AM (IST)
बोतल रखने की झंझट खत्म: अब बुलबुले में मिलेगा पानी, गटक भी सकेंगे
बोतल रखने की झंझट खत्म: अब बुलबुले में मिलेगा पानी, गटक भी सकेंगे

लंदन, एजेंसी। प्लास्टिक की बोतल में पानी रखना दुनियाभर में आम है, लेकिन इन बोतलों को पानी पीने के बाद यहां-वहां फेंकने से बड़ी समस्या पैदा होती है। समुद्र में हर साल एक अरब बोतलें फेंकी जाती हैं, जिससे जीवों को जान का खतरा होता है। अब लंदन के एक स्टार्टअप ने ऐसा पदार्थ विकसित किया है जिसे बुलबुले का आकार देकर इसमें पानी भरा जा सकता है। जब प्यास लगे, आप इसे पी सकते हैं। हां, इस बुलबुले को गटका भी जा सकता है।

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स्किपिंग रॉक्स लैब ने ऐसा पदार्थ बना लिया है, जिसमें पानी भरा जा सकता है। इसे नाम दिया है-ओहो। समुद्री शैवाल से बनाया गया ओहो एक बुलबुलेनुमा पानी की बॉल है। इसके आसपास एक स्वत: नष्ट हो सकने और खाने योग्य झिल्ली है। इसे समुद्री शैवाल से बनाया गया है। आप ओहो को खोलकर मुंह में पानी डाल सकते हैं या सीधे इसे खा सकते हैं। इसे पानी पीने के बाद फेंकने पर 4-6 हफ्ते में यह स्वत: नष्ट हो जाएगी, जैसे कोई फल नष्ट होता है। इस लेब ने 2013 में ओहो का प्रोटोटाइप बनाया था। अब इसे वृहद रूप से पेश किया है। इसके लिए लोगों से धन जुटाकर कमर्शियल रूप से पेश किया जा रहा है।

उत्पादन के लिए इसकी रिटेल मशीनें भी बनाई जा रही हैं। हालांकि ओहो बुलबुलों का आकार कितना बड़ा होगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

भारत में बोतल का 160 अरब का कारोबार

- अमेरिका में हर साल 3.5 करोड़ प्लास्टिक बोतलें फेंकी जाती हैं।

- दुनिया के 192 देशों में समुद्र में बोतलें फेंकने के मामले में भारत का स्थान 12वां है।

- भारत में प्लास्टिक बोतलों का कारोबार 2018 में 160 अरब रूपये का हो जाएगा।

- कंपनी लंदन मैराथन और ग्लास्टनबरी फेस्टिवल में ओहो देना चाहती है। लंदन मैराथन में 7 लाख 50 हजार प्लास्टिक बोतलें उपयोग होती हैं।

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