परमाणु हथियार बनाने से कतई पीछे नहीं हटेगा उत्तर कोरिया
प्रतिबंध प्रस्ताव का उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन और रूस ने भी समर्थन किया।
सियोल, एएफपी। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ताजा प्रतिबंधों की निंदा करते हुए परमाणु हथियारों के मुद्दे पर वार्ता करने से इन्कार किया है। साथ ही प्रतिबंधों को अपनी संप्रभुता का हिंसक उल्लंघन बताया है। शनिवार को सुरक्षा परिषद में पारित प्रतिबंध प्रस्ताव के बाद अमेरिका और चीन ने उत्तर कोरिया से हथियार विकास कार्यक्रम रोकने और वार्ता करने का अनुरोध किया था।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के जरिये जारी बयान में कहा गया है कि आत्मरक्षा के लिए बनाए गए परमाणु हथियारों के बारे में किसी से कोई बात नहीं की जाएगी। न ही उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम से एक भी कदम पीछे हटेगा। ताजा प्रतिबंध प्रस्ताव तैयार करने के अमेरिका के कदम पर उसे धमकाते हुए बयान में कहा गया है कि इसकी उसे हजार गुना बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका अगर यह सोचता है कि वह उत्तर कोरिया से बहुत दूर है और बीच में बड़ा समुद्र है तो वह बड़ी गलतफहमी में है। जो देश अमेरिका का साथ दे रहे हैं और उसका समर्थन कर रहे हैं, उन्हें भी उत्तर कोरिया को जवाब देना होगा।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंध से उत्तर कोरिया का एक तिहाई निर्यात बाधित होगा। इससे उसे एक अरब डॉलर (65 अरब रुपये) वार्षिक का नुकसान होगा। प्रतिबंध प्रस्ताव का उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन और रूस ने भी समर्थन किया। इस लिहाज से उत्तर कोरिया अब विश्व बिरादरी से पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है। ये प्रतिबंध उत्तर कोरिया द्वारा संयुक्त राष्ट्र की रोक के बावजूद चार जुलाई और 28 जुलाई को उत्तर कोरिया द्वारा अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद लगाए गए हैं। दोनों परीक्षण सफल रहे। इसके चलते अमेरिका के अब उत्तर कोरिया की मिसाइलों के निशाने पर आ जाने की आशंका है।
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