नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का अंतिम संस्कार आज
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। उनका मंगलवार को निधन हो गया था। अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए भारत के सर्वदलीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कर रही है। इसमें कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, माकपा महासचिव
काठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा। उनका मंगलवार को निधन हो गया था। अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए भारत के सर्वदलीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कर रही है। इसमें कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हैं। सुशील कोइराला का अंतिम संस्कार भारतीय समयानुसार दोपहर 1.45 बजे पशुपति आर्यघाट में किया जाएगा।
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आपको बता दें कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का सोमवार देर रात निधन हो गया था। वे 79 साल के थे। राजधानी काठमांडू के बाहरी इलाके महराजगंज में अपने घर पर 12 बजकर 50 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांसें ली। फिल्मों में अभिनय का सपना देखने वाले राजनीति के इस नायक ने सबसे मुश्किल दौर में नेपाल का नेतृत्व किया था।
संविधान के बाद छोड़ा पद
फरवरी 2014 से अक्टूबर 2015 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे। इसी दौरान नेपाल के संविधान का काम पूरा हुआ था। 20 सितंबर को नया संविधान लागू होने के तीन हफ्ते बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। संविधान के विरोध में जारी आंदोलन को समाप्त कराने में भी उनकी अहम भूमिका रही। यह महज संयोग है कि विरोध-प्रदर्शन समाप्त करने के मधेशियों के एलान के कुछ घंटों बाद ही वे सदा के लिए सो गए।
संपत्ति सिर्फ तीन मोबाइल
सुशील कोइराला का जन्म 12 अगस्त 1939 को बनारस में हुआ था। उन्होंने 1954 में राजनीति में कदम रखा। पार्टी की आधिकारिक पत्रिका तरुण के वे संपादक भी रहे। नेपाल की राजनीति के सबसे ताकतवर परिवार से वे चौथे प्रधानमंत्री थे।
देश की सबसे बड़ी पार्टी के वे मौजूदा अध्यक्ष भी थे। उन्होंने शादी नहीं की थी। संपत्ति के नाम पर उनके पास केवल तीन मोबाइल थे। प्रधानमंत्री बनने से पहले संपत्ति का ब्यौरा देते हुए उन्होंने यह जानकारी दी थी। उनके पास कोई घर और वाहन नहीं था।
भारत से गहरा नाता
सुशील कोइराला भारत के साथ मजबूत संबंधों के आजीवन पक्षधर रहे। बनारस में पैदा हुए और जीवन का काफी समय भारत में गुजारा। राजशाही के कारण 1960 में उन्होंने 16 साल राजनीतिक निवार्सन का जीवन भारत में बिताया। 1979 में विमान अपहरण में शामिल होने के कारण वे तीन साल तक भारतीय जेल में भी रहे। इस विमान को नेपाली कांग्रेस के लिए फंड जुटाने के लिए अगवा किया गया था।