Move to Jagran APP

नेपाल ने पर्वतारोहियों के लिए खोले हिलेरी और तेनजिंग के रास्ते

विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के नजदीक हिमालय की दो चोटियों के नाम सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखे जाने के बाद इन्हें विदेशी पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया। एक महीना पूर्व हुए भीषण हिमस्खलन में 16 शेरपा गाइडों की मौत हो गई थी जिसके बाद पर्वतारोहण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।

By Edited By: Published: Thu, 22 May 2014 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 22 May 2014 05:08 PM (IST)
नेपाल ने पर्वतारोहियों के लिए खोले हिलेरी और तेनजिंग के रास्ते

काठमांडु। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के नजदीक हिमालय की दो चोटियों के नाम सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखे जाने के बाद इन्हें विदेशी पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया। एक महीना पूर्व हुए भीषण हिमस्खलन में 16 शेरपा गाइडों की मौत हो गई थी जिसके बाद पर्वतारोहण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।

loksabha election banner

न्यूजीलैंड के रहने वाली हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग ने 29 मई 1953 में एवरेस्ट को फतह किया था। इसके बाद से नेपाल पर्वतारोहियों के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ है। दुनियाभर में आठ हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई वाली 14 चोटियों में से आठ चोटियां अकेले नेपाल में हैं। पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री तिलकराम पांडेय ने बताया कि दोनों चोटियों हिलेरी [7,681 मीटर] और तेनजिंग [7,916 मीटर] पर अभी तक किसी ने चढ़ाई नहीं की है। पिछले माह हुई हिमस्खलन की घटना के बाद सैकड़ों पर्वतारोहियों को अपना अभियान रोक देना पड़ा था।

पशुपतिनाथ के पुरोहितों की एक माह पुरानी हड़ताल खत्म


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.