नेपाल ने पर्वतारोहियों के लिए खोले हिलेरी और तेनजिंग के रास्ते
विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के नजदीक हिमालय की दो चोटियों के नाम सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखे जाने के बाद इन्हें विदेशी पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया। एक महीना पूर्व हुए भीषण हिमस्खलन में 16 शेरपा गाइडों की मौत हो गई थी जिसके बाद पर्वतारोहण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।
काठमांडु। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के नजदीक हिमालय की दो चोटियों के नाम सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखे जाने के बाद इन्हें विदेशी पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया। एक महीना पूर्व हुए भीषण हिमस्खलन में 16 शेरपा गाइडों की मौत हो गई थी जिसके बाद पर्वतारोहण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी।
न्यूजीलैंड के रहने वाली हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग ने 29 मई 1953 में एवरेस्ट को फतह किया था। इसके बाद से नेपाल पर्वतारोहियों के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ है। दुनियाभर में आठ हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई वाली 14 चोटियों में से आठ चोटियां अकेले नेपाल में हैं। पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री तिलकराम पांडेय ने बताया कि दोनों चोटियों हिलेरी [7,681 मीटर] और तेनजिंग [7,916 मीटर] पर अभी तक किसी ने चढ़ाई नहीं की है। पिछले माह हुई हिमस्खलन की घटना के बाद सैकड़ों पर्वतारोहियों को अपना अभियान रोक देना पड़ा था।