नेपाल के 'स्वर्ग' में पसरा मातम, आंसुओं के सैलाब में डूबी वादियां
मातम के सन्नाटे में लीन नेपाल का जिला सिंधुपाल अपने आप में कुदरत का आईना था। भूकंप की मार ने इस जिले को अब वीराने में तब्दील कर दिया है। भूकंप से सबसे ज्यादा नेपाल का प्रभावित इलाका सिंधुपाल ही है।
नई दिल्ली, [गुणातीत ओझा]। मातम के सन्नाटे में लीन नेपाल का जिला सिंधुपाल अपने आप में कुदरत का आईना था। भूकंप की मार ने इस जिले को अब वीराने में तब्दील कर दिया है। भूकंप से सबसे ज्यादा नेपाल का प्रभावित इलाका सिंधुपाल ही है।
सिंधुपाल काठमांडू से 100 किलोमीटर दूर कोसी नदी के समीप उत्तर-पूर्व में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 2,542 वर्ग किमी. है। जनसंख्या की बात करें तो भूकंप आने से पहले यहां तकरीबन तीन लाख से ज्यादा लोग रह रहे थे।
भूकंप के बाद सिंधुपाल जिले को भूस्खलन ने तहस-नहस कर दिया है। अभी तक नेपाल में सबसे ज्यादा मौत सिंधुपाल (तकरीबन 1000 से ज्यादा) में हुई हैं। यहां के हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि मलबे में और कितनी लाशें हो सकती हैं इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।
पर्यटन के लिए जाना जाता है सिंधुपाल
नेपाल पर्यटन के क्षेत्र में सिंधुपाल का नाम मशहूर है। घूमने के लिए यहां कई ऐसे स्थान हैं जहां लोग लंबा वक्त बिताना पसंद करते हैं। गौराती भीमेश्वर मंदिर, तौथाली माई मंदिर, सुनकोसी काफेश्वर महादेव मंदिर, क्षेमा देवी मंदिर, लार्के घ्यांग जैसी सांस्कृतिक धरोहरें जिले में लोकप्रिय हैं।
सुनकोसी और भोतेकोसी नदियां इस जिले से होकर बह रही हैं, जो विश्व प्रसिद्ध राफ्टिंग नदियां हैं। भैरव कुंदांद पंच पोखरी महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के साथ-साथ लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थान भी है। भोतेकोसी नदी पर बंजी जंप सिंधुपाल चौक का एक और आकर्षण है। इसी क्षेत्र में नेपाल-चीन सीमा के समीप स्थित टाटोपानी (गर्म पानी के झरने) तीर्थ स्थान के रूप में लोकप्रिय है। इसके अलावा भी यहां कई पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं।
कला और संस्कृति
नेपाल का जिला सिंधुपाल कला और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। नेपाल के ज्यादातर प्रसिद्ध पॉप और लोक गायक इसी जिले से वास्ता रखते हैं। नेपाल के कई प्रसिद्ध कवि जैसे पशुपति शमशेर, अमृत कुमार और विष्णु बिक्रम थापा, चंद्र प्रसाद के घर सिंधुपाल में है। नेपाल के जानेमाने कई नेता भी सिंधुपाल के ही रहने वाले हैं।
सिंधुपाल की तब और अब की भयावह तस्वीर
जन्नत से जहन्नुम हुआ सिंधुपाल
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