गोपनीय जानकारी लीक करने में शरीफ के विशेष सहायक तारेक फतेमी हटाए गए
ये निर्देश पिछले साल अक्तूबर में, डॉन अखबार के एक स्तंभकार की एक स्टोरी सामने आने के बाद बिठाई गई जांच कमिटी द्वारा अपनी रिपोर्ट दिए जाने के बाद दिए गए हैं।
इस्लामाबाद, पीटीआई। पिछले साल सरकार और सेना की हुई उच्चस्तरीय बैठक की सूचना लीक करने के मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने विश्वस्त सहायक सैयद तारिक फातमी को बर्खास्त कर दिया है। शरीफ की अध्यक्षता वाली इस बैठक में भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ चल रहे छद्म युद्ध में खुफिया संगठन आइएसआइ की भूमिका पर चर्चा हुई थी।
आइएसआइ की कार्यप्रणाली पर सरकार और सेना में मतभेद उभरे थे। इस बैठक की खबर अंग्रेजी अखबार डॉन में छप गई थी जिसके बाद पाकिस्तान में हंगामा हो गया था। प्रधानमंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिया था। जस्टिस (रिटायर्ड) आमिर रजा खान की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने अपना काम पूरा करके 72 वर्षीय फातमी को विदेश मामलों के विशेष सहायक पद से हटाने की संस्तुति की थी।
शरीफ के विश्वासपात्र माने जाने वाले फातमी का इस तरह से हटना सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के जांच के आदेश से शरीफ पहले से ही दबाव महसूस कर रहे हैं। अक्टूबर 2016 में हुई उच्चस्तरीय बैठक में आइएसआइ की कार्यप्रणाली को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के भाई शाहबाज शरीफ और तत्कालीन आइएसआइ प्रमुख के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई थी।
उसमें जेहादी संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी होने पर उन्हें छुड़वाए जाने की बात कही गई थी। सेना ने बैठक की खबर अखबार में प्रकाशित होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उसके बाद तत्कालीन सूचना मंत्री परवेज राशिद को नवाज शरीफ ने हटा दिया था।
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