मुस्लिम लड़कियों को लड़कों के साथ करनी पड़ेगी तैराकी
यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने हालांकि यह माना कि लड़कियों को तैराकी से छूट देने से मना करना उनकी धर्म की आजादी में हस्तक्षेप है
स्ट्रासबर्ग (फ्रांस),एएफपी। स्विट्जरलैंड में मुस्लिम माता-पिता अपनी बेटियों को को-एड स्कूल में लड़कों से साथ तैराकी के पाठ में शामिल होने से मना नहीं कर सकते। यूरोप की शीर्ष मानवाधिकार अदालत ने इसे चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को यह फैसला दिया। तुर्क-स्विस दंपती ने धर्म का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी थी।
यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने हालांकि यह माना कि लड़कियों को तैराकी से छूट देने से मना करना उनकी धर्म की आजादी में हस्तक्षेप है। लेकिन कहा कि यह हस्तक्षेप बच्चों को सामाजिक अलगाव से बचाने के लिए सही है। कोर्ट ने कहा कि स्कूल सामाजिक एकता की प्रक्रिया में विशेष भूमिका निभाते हैं, खासकर वे स्कूल जहां विदेशी मूल के बच्चे होते हैं।
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साथ ही कहा कि स्विस अधिकारियों ने माता-पिता की भावनाओं का आदर करते हुए लड़कियों को पूरे शरीर वाले 'बुर्किनी' स्विमसूट पहनने की अनुमति दी। दंपती स्विट्जरलैंड की अदालतों में अपील खारिज होने के बाद फ्रांस के स्ट्रासबर्ग स्थित कोर्ट पहुंचा था। हालांकि यह फैसला अंतिम नहीं है। वे इसके खिलाफ तीन महीने के भीतर अपील कर सकते हैं।