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ट्रंप और रूस के संबंधों की पड़ताल करेंगे मूलर

विशेष अभियोजक मूलर के पास समग्र एवं संपूर्ण जांच के लिए जरूरी सभी संसाधन होंगे।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 07:02 PM (IST)
ट्रंप और रूस के संबंधों की पड़ताल करेंगे मूलर
ट्रंप और रूस के संबंधों की पड़ताल करेंगे मूलर

वाशिंगटन, प्रेट्र : विवादों में फंसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। न्याय विभाग ने उनकी टीम के साथ रूस के संबंधों की पड़ताल के लिए रॉबर्ट मूलर को विशेष अभियोजक नियुक्त किया है। खुफिया जांच एजेंसी एफबीआइ के मुखिया रहे 72 वर्षीय मूलर की नियुक्ति का सत्ताधारी रिपब्लिकन और विपक्षी डेमोक्रेटिक दल के शीर्ष सांसदों ने स्वागत किया है।

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डिप्टी अटॉर्नी जनरल रोड जे रोसेंस्टीन ने मूलर की नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा कि जनहित में यह फैसला लिया गया है। इस मामले की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए जांच के निष्कर्ष में जनता का पूरा भरोसा बनाए रखने के लिए इस तरह की नियुक्ति की जरूरत थी। विशेष अभियोजक मूलर के पास समग्र एवं संपूर्ण जांच के लिए जरूरी सभी संसाधन होंगे। मुझे यकीन है कि वे तथ्यों पर गौर करेंगे। नियम लागू करेंगे और न्यायसंगत निष्कर्ष तक पहुंचेंगे।

मूलर की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने कहा, समग्र जांच से साबित हो जाएगा कि उनकी टीम के किसी सदस्य का रूस अथवा किसी भी विदेशी इकाई के साथ कोई सांठ-गांठ नहीं है। मैं इस मामले को जल्दी ही निष्कर्ष तक पहुंचते देखना चाहता हूं। इस दौरान मैं जनता और हमारे देश के भविष्य के लिए सर्वोच्च महत्व रखने वाले मुद्दों के लिए लड़ना बंद नहीं करूंगा।

मूलर की नियुक्ति ऐसे वक्त में की गई है जब इस मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे जेम्स कोमी को ट्रंप ने पिछले सप्ताह एफबीआइ निदेशक पद से हटा दिया था। इसके बाद मीडिया रिपोर्टो में बताया गया कि ट्रंप ने रूस के साथ गोपनीय जानकारी साझा की और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे माइकल फ्लिन के साथ रूस के संबंधों की पड़ताल बंद करने के लिए कोमी को कहा था।

माना जा रहा है कि इन पहलुओं के सामने आने के कारण ही मूलर को जांच सौंपने का फैसला किया गया है। न्याय विभाग का यह फैसला बताता है कि इस मामले की जांच में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार न्याय विभाग से इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रही थी। कोमी को बर्खास्त किए जाने के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ लिया था। मीडिया रिपोर्टो के बाद से डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने की मांग कर रही है।

क्या है मामला?

रूस पर ट्रंप की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीते साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप है। ट्रंप की टीम पर आरोप है कि चुनाव के दौरान वे रूस के संपर्क में थे। रूस और ट्रंप दोनों कई बार इस आरोप को खारिज कर चुके हैं।

कौन हैं मूलर?

पिछले सप्ताह बर्खास्त किए गए जेम्स कोमी से पहले रॉबर्ट मूलर ही एफबीआइ के निदेशक थे। 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले से सात दिन पहले उन्होंने खुफिया जांच एजेंसी की जिम्मेदारी संभाली थी। निदेशक का कार्यकाल सामान्य तौर पर 10 साल का होता है। लेकिन, वे 2013 तक अपने पद पर बने रहे। 109 साल के एफबीआइ के इतिहास में वे जे इगर हूवर के बाद सबसे ज्यादा समय तक एजेंसी के प्रमुख रहे। मूलर को काफी सख्त और दबाव के सामने नहीं झुकने वाला शख्स माना जाता है।

यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता दलगत आधार से ऊपर है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में वे एफबीआइ निदेशक बने और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में भी बने रहे। 10 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके सेवा विस्तार के लिए ओबामा प्रशासन की ओर से लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में सीनेट में सौ वोट पड़े थे। विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। 2001 में भी उनकी नियुक्ति पर सीनेट ने 98-0 से मुहर लगाई थी। एफबीआइ में आने से पहले वे न्याय विभाग में डिप्टी अटॉर्नी जनरल थे। अपने करियर के दौरान वे कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच से जुड़े रहे हैं।

..इसलिए चाहते हैं रूस का साथ

रणनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ मिलकर काम करने का इरादा रखते हैं। हालांकि यह अमेरिका के हितों की कीमत पर नहीं होगा। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, राष्ट्रपति दुनिया को अपने रणनीतिक लक्ष्यों के नजरिए से देखते हैं।

जहां तक रूसी लोग इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए उनके साथ काम कर सकते हैं, वहां तक वह उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं। जहां हमारे उद्देश्य मेल नहीं खाते, वहां वह उनके साथ काम नहीं करने वाले। अधिकारी ने कहा, उदाहरण के लिए सीरिया में संघर्ष को खत्म करने के लिए रूस के साथ मिलकर काम करने का कुछ अवसर है। यदि हम ऐसा कर सकते हैं तो वह इसके लिए खुली सोच रखेंगे।

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