दिवाली पर मोदी का लंदन धमाका, वेम्बले में होगा राकस्टार वेलकम
मोदी के धुआंधार अमरीकी दौरों के बाद ब्रिटेन में एक बार फिर ज़ोरदार स्वागत से रूबरू होंगे। ऐसा स्वागत जिसे दुनिया 'रॉक स्टार वेलकम' कह कर पुकारती है।
राजकिशोर, लंदन। मोदी के धुआंधार अमरीकी दौरों के बाद ब्रिटेन में एक बार फिर ज़ोरदार स्वागत से रूबरू होंगे। ऐसा स्वागत जिसे दुनिया 'रॉक स्टार वेलकम' कह कर पुकारती है।
'यूरोप इंडिया फोरम' के 'यूके वेलकम्स मोदी' अभियान के तहत मोदी का 'ओलंपिक सरीखा स्वागत होगा।' ओलंपिक की तरह ही मोदी के विदेश दौरों को लेकर भीड़ के पुराने सभी रिकार्ड भी टूटेंगे। लंदन के ऐतिहासिक वेम्बले स्टेडियम में 13 नवंबर होने वाले कार्यक्त्रम के लिए 70,000 से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। स्वागत समिति ने मोदी के इंग्लैंड दौरे पर वेबसाइट भी लांच की है, जिसे जबर्दस्त हिट्स मिल रहीं हैं।
मोदी के यूके दौरे की तैयारियों के लिए 450 भारतीय संगठनों ने मिलकर इसे यादगार बनाने की तैयारी की है। ब्रिटेन में भारत के राजदूत रंजन मथाई ने ब्रिटेन आधारित करीब 450 सामुदायिक संगठनों के एक कार्यक्त्रम में कहा, 'संयुक्त मोर्चे की प्रस्तुति महत्वपूर्ण है। करीब 10 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्वागत होगा। विश्र्व में भारत के स्थान के लिए उनके पास स्पष्ट और जीवंत दृष्टिकोण है।'
मोदी के स्वागत समारोह को 'टू ग्रेट नेशंस, वन ग्लोरियस फ्यूचर' नाम दिया गया है। इस कार्यक्त्रम का मुख्य आकर्षण भारतीय प्रवासियों को मोदी का संबोधन होगा। मोदी के दौरे महज़ दीवाली या धूम धड़ाका नहीं है। उनके विदेश दौरों के कूटनीतिक प्रभाव पर दुनिया बात कर रही है।
प्रधानमंत्री के हालिया यात्रा के दौरान पाकिस्तान अख़बार द नेशन ने अपने 28 सितंबर के संपादकीय में लिखा 'जहाँ एक तरफ मोदी एक सितारे की तरह घूम रहे हैं और आयोजनों में जा रहे हैं प्रधानमंत्री शरीफ़ के पास बात कहने के लिए केवल संयुक्त राष्ट्र मंच है। हालात पाकिस्तान खि़लाफ़ हैं।' अखबार ने का कहना है 'मोदी के पास एक योजना हैं। क्या हमारे पास है?'
ब्रिटिश सरकार भी मोदी के दौरे को लेकर उत्साहित है। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के दक्षिणी एशिया प्रकोष्ठ के प्रमुख गाइल्स थामसन ने भी इस दौरे को संभावनाओं से भरा हुआ बताया। मोदी जहाँ भी जाते हैं खाली हाथ नहीं जाते।
प्रधानमंत्री के अमेरिका की सात दिन की यात्रा पर जाने से एक दिन पहले भारतीय कैबिनेट ने 3.2 अरब डॉलर की लागत से अमरीकी सीएच 47 एफ चिनोक और एएच 64 ब्लॉक 3 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर ख़रीदने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी थी। इसी साल अप्रैल में मोदी जब फ्रांस गए थे तो उन्होंने 36 राफेल लड़ाकू विमान जल्द से जल्द खरीदने के फ़ैसले पर मंज़ूरी की मोहर लगाई थी।
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