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मधेशी मोर्चे ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापस लिया

नेपाली पीएम से मधेसी पार्टियों ने अपना समर्थन वापस लिया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 07:22 PM (IST)
मधेशी मोर्चे ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापस लिया
मधेशी मोर्चे ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापस लिया

काठमांडू, प्रेट्र। मधेशी पार्टियों के गठबंधन ने प्रधानमंत्री प्रचंड नीत नेपाल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। मधेशी मोर्चा ने सात दिनों की चेतावनी दी थी। यह समय सीमा मंगलवार को समाप्त हो गई।

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मोर्चा की मांगों में संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना भी शामिल था। अभी भी 601 सदस्यीय संसद में सरकार को 320 सदस्यों का समर्थन हासिल है। मोर्चा ने मई में स्थानीय निकायों का चुनाव कराने की घोषणा वापस लेने को कहा था।

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राष्ट्रीय मधेश सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव केशव झा ने कहा, 'समर्थन की समय सीमा मंगलवार को खत्म हो गई। चेतावनी के बाद भी सरकार ने हमारे नेताओं के साथ बातचीत नहीं की।' मोर्चा ने सरकार से समर्थन लेने की चेतावनी दी थी। उनकी चिंताओं का समाधान किए बगैर ही सरकार स्थानीय निकायों के चुनाव की तैयारियों में जुट गई। नेपाल में भारतीय मूल के मधेशी समुदाय की आबादी करीब 52 फीसदी है।

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संविधान के कई प्रावधानों के खिलाफ यह समुदाय संशोधन की मांग कर रहा है। संविधान लागू होने के बाद समुदाय ने छह माह तक विरोध प्रदर्शन किया था।


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