कई बार जेल जा चुका था लंदन का हमलावर
52 साल के मसूद ने बुधवार को संसद के पास टेम्स नदी पर बने वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर तेजी से कार दौड़ाते हुए कई लोगों को कुचल दिया था।
बर्मिघम, रायटर। लंदन में ब्रिटिश संसद के पास हमला करने वाला खालिद मसूद कई बार जेल जा चुका था। आपराधिक मामले में उसे नवंबर 1983 में पहली बार और दिसंबर 2003 में आखिरी बार सजा मिली थी। हालांकि आतंकी घटना से उसका कभी कोई संबंध नहीं रहा। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद उसे कभी गंभीर खतरा नहीं माना गया।
52 साल के मसूद ने बुधवार को संसद के पास टेम्स नदी पर बने वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर तेजी से कार दौड़ाते हुए कई लोगों को कुचल दिया था। इसके बाद संसद में घुसने की कोशिश करते हुए एक पुलिसकर्मी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस ने उसे गोली मार दी। हमले में करीब 40 लोग घायल हुए थे। इनमें से एक ने गुरुवार रात दम तोड़ दिया। इसके साथ ही हमलावर सहित मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।
हमले के सिलसिले में दो और लोग गिरफ्तार किए गए हैं। स्कॉटलैंड यार्ड के कार्यकारी उपायुक्त और आतंकरोधी इकाई के प्रमुख मार्क राउली ने बताया कि अब तक 10 गिरफ्तारियां हुई हैं। इनमें से एक महिला को जमानत पर छोड़ दिया गया है। अन्य नौ लोगों से पूछताछ जारी है।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली थी। लेकिन, मसूद के आइएस से जुड़े होने के अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। राउली ने बताया कि हमले की तैयारी, मकसद और सहयोगियों को लेकर जांच जारी है। हमारा मानना है कि मसूद इस्लामी आतंकवाद से प्रभावित था। गुरुवार को संसद में प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने यही बात कहते हुए कहा था कि कुछ साल पहले खुफिया एजेंसी एमआइ-5 ने उसके बारे में जांच की थी। पुलिस के मुताबिक मसूद के खिलाफ फिलहाल कोई जांच नहीं चल रही थी। ना ही उसके किसी आतंकी हमले का इरादा रखने के बारे में पहले से कोई जानकारी थी। पूर्व में उसे दुर्व्यवहार, शारीरिक चोट पहुंचाने, हथियार रखने जैसे दूसरे अपराधों में दोषी पाया गया था।
एड्रियन से बना मसूद
ब्रिटिश नागरिक मसूद 1964 में केंट में पैदा हुआ था। उसका नाम एड्रियन रसेल अजाओ था। इस्लाम कुबूल करने के बाद वह खालिद मसूद बन गया। वह कई उपनाम से जाना जाता था। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक उसे बॉडी बिल्डिंग का शौक था और उसके तीन बच्चे हैं।
हाल में आया बर्मिघम
मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक मसूद हाल ही में बर्मिघम आया था। इस शहर में 2,13,000 मुसलमान रहते हैं, जो यहां की कुल आबादी का करीब पांचवां हिस्सा है। कई ब्रिटिश इस्लामी कट्टरपंथियों का इस शहर से संबंध रहा है। इसी महीने प्रकाशित हेनरी जैक्सन थिंक टैंक की रिपोर्ट से पता चलता है कि 1998 से 2015 के बीच ब्रिटेन में आतंकवाद संबंधी मामलों में दोषी करार दिए गए कुल 269 लोगों में से 39 इसी शहर से रहे हैं।