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अलकायदा की भारतीय शाखा का नेता यूएस ड्रोन हमले में ढेर

भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी गुट अल कायदा की शाखा के जिस आतंकी को आतंकियों के बीच एक ‘उभरते सरगना’ के रूप में देखा जा रहा था, वह जनवरी में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में एक अमेरिकी

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 03:52 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 04:31 PM (IST)
अलकायदा की भारतीय शाखा का नेता यूएस ड्रोन हमले में ढेर

न्यूयॉर्क। भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी गुट अल कायदा की शाखा के जिस आतंकी को आतंकियों के बीच एक ‘उभरते सरगना’ के रूप में देखा जा रहा था, वह जनवरी में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में एक अमेरिकी एवं इतालवी बंधक भी मारा गया था।

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'न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर के अनुसार अहमद फारुक भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआईएस) का दूसरे नंबर का नेता था। यह एक ऐसी स्थानीय शाखा थी जिसकी शुरुआत अल कायदा के नेता येमान अल-जवाहरी ने इस्लामिक स्टेट की नियुक्तियों के प्रयासों से निपटने के लिए सितंबर में की थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि कई वर्षों अमेरिकी ड्रोन हमले अल कायदा के शीर्ष नेतृत्व के खात्मे और इसे तितर-बितर करने में सफल रहे हैं। समूह ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा के नए नेतृत्व से उम्मीदें लगाई हुई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया कि फारुक को कुछ समय से आतंकियों के बीच एक उभरते सरगना के रूप में देखा जा रहा था। रिपोर्ट में वर्ष 2010 के ओसामा बिन लादेन को लिखे गए उस पत्र का हवाला दिया गया जिसमें इस नाम के आतंकी को भावी नेतृत्व की क्षमता से संपन्न बताया गया था।
अल कायदा के एक वरिष्ठ नेता अतियाह अब्द अल-रहमान ने फारुक के बारे में एक सही आदमी लिखा था। रहमान खुद वर्ष 2011 के ड्रोन हमलों में मारा गया था।
अधिकारियों ने कहा कि खुद को प्रभावी बनाने की नई इकाई की योग्यता ड्रोन हमलों के चलते अवरुद्ध होती रही है। इन हमलों में इसके कम से कम 5 नेता मारे जा चुके हैं जिनमें अमेरिकी नागरिक फारुक भी शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा कहा जाता है कि फारुक 15 जनवरी को हुए उस हमले में मारा गया था जिसमें 2 बंधक- वॉरेन वीनस्टीन (अमेरिका) और गियोवानी लो पोर्तो (इटली) भी मारे गए थे। सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया कि फारुक एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था और आतंकी समूह में उसकी एक विशेष भूमिका थी।
आतंकी समूहों पर नजर रखने वाले एसआईटीई इंस्टीट्यूट के अनुसार अल कायदा ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी मौजूदगी सितंबर 2014 में दर्ज कराई, जब आतंकियों ने पाकिस्तान की नौसेना में घुसपैठ करके उसके एक जहाज का अपहरण करने की कोशिश की।
सीएनएन की इस रिपोर्ट ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा के प्रवक्ता ओसामा महमूद के हवाले से कहा कि फारुक और एक अन्य शीर्ष व्यक्ति कारी अब्दुल्ला मंसूर 15 जनवरी को पाकिस्तान की शावाल घाटी में हुए ड्रोन हमले में मारे गए थे।

[साभार: नई दुनिया]

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