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फ्रांस: अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट में ले पेन और मैक्रोन ने लांघी नैतिकता की सीमाएं

फ्रांस की अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर फ्रांस के राष्‍ट्रपति पद के दोनों उम्‍मीदवारों ने फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट में एक-दूसरे पर हमले किए।

By Monika minalEdited By: Published: Thu, 04 May 2017 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 04 May 2017 09:58 AM (IST)
फ्रांस: अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट में ले पेन और मैक्रोन ने लांघी नैतिकता की सीमाएं
फ्रांस: अंतिम प्रेसिडेंशियल डिबेट में ले पेन और मैक्रोन ने लांघी नैतिकता की सीमाएं

पेरिस (जेएनएन)। फ्रांसीसी मध्‍यमार्गी इमैनुएल मैक्रोन और उनके धुर दक्षिणपंथी प्रतिद्वंदी मैरिन ली पेन के बीच बुधवार को एक टेलीविजन प्रेसीडेंशियल डिबेट के दौरान बहस छिड़ गयी। फ्रांस की अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर दोनों ने एक-दूसरे पर हमले किए और ढाई घंटे तक चले इस कार्यक्रम में मैरिन और इमैनुएल ने नैतिकता की सीमाएं लांघ दी। फ्रांस में राष्ट्रपति के लिए आखिरी चरण का चुनाव 7 मई को आयोजित होगा।

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एक दूसरे पर जबर्दस्‍त हमला

इमैनुएल ने ली पेन को नौसिखिया, भ्रष्टाचारी, खतरनाक राष्ट्रवादी और नफरत फैलाने वाली करार दिया। उन्होंने कहा कि मैरिन ने फ्रांस को गरीबी में धकेल दिया, जिससे बेरोजगारी बढ़ी है। उधर मैरिन ने फ्रांस के पूर्व वित्तमंत्री इमैनुएल को घमंडी, नाकाम, गुस्सैल बैंकर होने का आरोप लगाया। उन्होंने इमैनुएल पर इस्लामवादियों से संबंध रखने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।

जनता को गुमराह करने का आरोप

दोनों ने एक दूसरे पर फ्रांस की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। बहस में देश की अर्थव्यवस्था, आतंकवाद के अलावा यूरोप, रूस और अमेरिका के साथ रिश्तों को लेकर चर्चा की गई। राष्ट्रपति चुनाव के पहले यह आखिरी टीवी बहस थी, जिसमें दोनों प्रत्याशियों के पास अपनी बात को जनता के सामने रखने का अंतिम मौका था। इस बहस के सर्वे में हिस्सा लेने वाले 63 फीसदी लोगों का कहना है कि मैरिन के मुकाबले इमैनुएल अपनी बात को जनता तक पहुंचाने में ज्यादा सफल रहे।

मैक्रोन ने गत वर्ष अगस्‍त में सरकार को छोड़ने का फैसला लिया था ताकि अपने मध्‍यमार्गी राजनीतिक मूवमेंट 'एन मार्च' पर ध्‍यान दे सके जिसमें 12 महीनों में 250,000 सदस्‍य शामिल हुए। मैरिन को अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समर्थन किया है। अगर वे जीतती हैं, तो वह फ्रांस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। वह 2012 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रह चुकी हैं। वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इमैनुएल का समर्थन किया है।

यह भी पढ़ें: फ्रांस के राष्ट्रपति चुुनाव में मैक्रोन और पेन की सीधी टक्कर


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