हाफिज सईद की नजरबंदी पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाफिज सईद और उसके साथियों को आतंकवाद निरोधी अधिनियम के तहत घर में ही नजरबंद किया गया है।
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान में आतंकी सरगना हाफिज सईद और उसके चार साथियों की नजरबंदी के खिलाफ अर्जी पर बुधवार को लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करके सात मार्च तक जवाब मांगा है। हाफिज सईद और उसके साथियों को आतंकवाद निरोधी अधिनियम के तहत घर में ही नजरबंद किया गया है।
हाई कोर्ट की जस्टिस सरदार मुहम्मद शमीम खान की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आतंकी सरगना की अर्जी पर सुनवाई की। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद ने अपने साथी मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी काशिफ हुसैन और अब्दुल्ला ओबैद के साथ मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता एके डोगर के जरिये अपनी नजरबंदी को चुनौती दी थी।
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पंजाब सरकार ने सईद और उसके संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के इन चार नेताओं को 30 जनवरी को लाहौर में उनके घर में नजरबंद कर दिया था। उन्हें 90 दिनों के लिए नजरबंद किया गया है। उन पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार ने कहा है कि सरकार ने यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प के आधार पर की है।
हाफिज सईद और उसके साथियों ने कहा है कि सरकार के कदम ने साबित कर दिया है कि वह एक कमजोर और दूसरों पर आश्रित सरकार है। हम पिछले कई साल से मशहूर समाजसेवक अब्दुल सत्तार ईधी की तरह सेवा का कार्य कर रहे थे लेकिन सरकार ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
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अमेरिका के कहने पर हुई कार्रवाई
अर्जी में कहा गया है कि अब जबकि अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह जमात-उद-दावा के खिलाफ कार्रवाई करे नहीं तो प्रतिबंध झेलने के लिए तैयार हो जाए, तब उन्हें नजरबंद किया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार के पास कोई सुबूत नहीं है जिसके आधार पर वह कहे कि हाफिज सईद और उसके साथियों से पाकिस्तान को खतरा है। केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प के चलते उनकी (याचिकाकर्ताओं की) आजादी को खत्म नहीं किया जा सकता। याचिका में अदालत से राहत की मांग की गई है।
एक बार पहले भी छूट चुका है
नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भी हाफिज सईद को नजरबंद किया गया था लेकिन सन 2009 में अदालत ने उसे आजाद कर दिया था। आतंकी वारदातों में संलिप्तता के चलते अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर (करीब 68 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित कर रखा है।