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मूल स्थान से फिर मिलने की खुशवंत की इच्छा पूरी

प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार व लेखक खुशवंत सिंह के पार्थिव शरीर की मुट्ठी भर भस्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में उनके जन्मस्थान पर लाई गई। इस तरह उनके अपने मूल स्थान से फिर मिलने की इच्छा पूरी हो गई।

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 04:59 PM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 05:41 PM (IST)
मूल स्थान से फिर मिलने की खुशवंत की इच्छा पूरी

लाहौर। प्रसिद्ध भारतीय पत्रकार व लेखक खुशवंत सिंह के पार्थिव शरीर की मुट्ठी भर भस्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में उनके जन्मस्थान पर लाई गई। इस तरह उनके अपने मूल स्थान से फिर मिलने की इच्छा पूरी हो गई।

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गवर्नमेंट ब्वॉयज हाई स्कूल हलादी के पूर्व प्रधानाध्यापक मुहम्मद हयात ने कहा, '99 साल बाद बेटा अपनी मिट्टी में लौट आया है।' इसी हाई स्कूल में सिंह ने पढ़ाई की थी। हलादी शहर लाहौर से करीब 280 किलोमीटर दूर है। यह पंजाब प्रांत के खुशाब जिले में स्थित है। हलादी में ही सिंह का जन्म हुआ था। उनका 20 मार्च को दिल्ली में निधन हो गया था। सिंह के भस्म को सीमेंट के साथ मिलाकर शीशम के पेड़ के नीचे संगमरमर का एक फलक लगाया गया। वह बचपन में यहीं पर खेला करते थे। पाकिस्तानी लेखक और स्तंभकार फकीर सैयद ऐजाजुद्दीन उनकी भस्म को भारत से पाकिस्तान लेकर आए।

फलक पर लिखा है, 'एक सिख, एक विद्वान और पंजाब के हलादी का एक बेटा। यह वह जगह है जहां मेरी जड़ें हैं। मैंने उन्हें घर की याद के आंसुओं से पोषित किया है।'

जीवंतता के पर्याय थे खुशवंत सिंह


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