गुआम पर उत्तर कोरिया की धमकी के बाद जापान और रूस भी हुए मुस्तैद
उत्तर कोरिया की गुआम पर धमकी के बाद अब जापान ने भी उत्तर कोरिया को जवाब देने का मन बना लिया है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। उत्तर कोरिया द्वारा अमेरिका को दी गई धमकी के बाद अब जापान भी उसको जवाब देने के लिए तैयारी कर रहा है। दोनों देशाें के बीच तनाव को देखते हुए जापान ने साफ कर दिया है कि उनका देश अमेरिका प्रशांत क्षेत्र स्थित ग्वाम की ओर जाने वाली उत्तर कोरियाई मिसाइल को नष्ट कर देगा। जापानी रक्षा मंत्री इत्सूनोरी ओनोडेरा ने संसद के निचले सदन की एक समिति को इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र स्थित ग्वाम द्वीप की ओर जाने वाली मिसाइल से अगर जापान को खतरा महसूस हुआ तो वह उसे पूरी तरह नष्ट कर देगा। उन्होंने साफ किया है कि सरकार का मानना है कि जापान को अपनी सुरक्षा के संबंध में हर आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया की ओर से अगस्त मध्य तक अमेरिकी द्वीप ग्वाम पर हमला करने का भड़काऊ बयान दिया गया है। इतना ही नहीं उत्तर कोरिया ने इस हमले के लिए अपना प्लान तक सार्वजनिक कर दिया है।
अमेरिका-दक्षिण कोरिया की ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज
इतना ही नहीं इस धमकी के बाद अमेरिका और जापान ने एक ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज को भी शुरू कर दिया है। यह एक्सरसाइज करीब एक सप्ताह तक चलने वाली है। उत्तर कोरिया की धमकी का असर जापान के लोगों पर अब दिखाई देने लगा है। यही वहज है कि वहां की एक स्थानीय कंपनी ने हमले की सूरत में बचने के इक्यूमेंट सप्लाई को तीन गुणा बढ़ा दिया है। इसमें बचाव के लिए इमरजेंसी बंकर भी शामिल हैं। जापान के लोग अब बचने के इन्हें खरीदने पर भी विचार कर रहे हैं।
रूस और चीन भी तैयार
उत्तर कोरिया की धमकी को देखते हुए रूस ने अपने मिसाइल रक्षा तंत्र (डिफेंस सिस्टम) को हाई अलर्ट पर रख दिया है जिससे इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल या अन्य बैलेस्टिक मिसाइल के हमले को बीच में ही ध्वस्त किया जा सकेगा। रूसी संसद के ऊपरी सदन के एक सदस्य विक्टर ओजेरॉव इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि वायुसेना और हवाई क्षेत्र सुरक्षा बलों को फार ईस्ट इलाके में मुस्तैद किया गया है। इस बीच रूस में सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए ने भी इसकी जानकारी दी है। दूसरी ओर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर अमेरिका के खिलाफ उत्तर कोरिया हमला करता है तो चीन को तटस्थ रहना चाहिए। हालांकि अखबार ने ये भी कहा है कि अगर अमेरिका और दक्षिण कोरिया सत्ता परिवर्तन के इरादे से उत्तर कोरिया पर हमला करता है तो चीन को चुप नहीं रहना चाहिए। अखबार के मुताबिक यदि ऐसा होता है चीन को इस तरह के हमले को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए
गुआम पहुंचे अमेरिका रक्षा मंत्री
यह उत्तर कोरिया की धमकी का ही असर है कि इसके बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री में सेना का जायजा लेने वहां पहुंचे हैं। दूसरी तरफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है कि यदि वह ऐसा कोई भी कदम उठाता है तो इसके उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसे वह तबाही झेलनी होगी जो आज तक किसी दूसरे देश ने नहीं झेली होगी। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के जुलाई में अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों के दो परीक्षणों के बाद से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। हालांकि इसके बाद अमेरिका ने भी परीक्षण के तौर पर अपनी आईसीबीएम दागी थी, जिसके बाद उसने परीक्षण को पूरी तरह से सफल बताया था।
परमाणु हमला करने से पीछे नहीं हटेगा यूएस
उत्तर कोरिया पर हमले की सूरत में परमाणु हमला करने से संबंधित एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा है कि इस तरह की बात अमेरिका ने पहले नहीं की है। लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने इस बात का संकेत जरूर दे दिया कि यदि ऐसा गंभीर मौका आया तो वह इससे पीछे भी नहीं हटेंगे। उनका कहना था कि यदि उत्तर कोरिया हम पर, हमारे किसी मित्र देश पर, हमारा प्रतिनिधित्व करने वालों पर या किसी सहयोगी पर हमला करने के बारे में सोचता भी है तो उसे बहुत-बहुत घबराना चाहिए क्योंकि उसका वो अंजाम होगा जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा। हालांकि इन सब के बीच ट्रंप ने उत्तर कोरिया की धमकी से न घबराने की भी बात कही है।
उत्तर कोरिया पर नए आर्थिक प्रतिबंध
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की वजह से संयुक्त राष्ट्र ने भी उस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। यहां पर ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि अमेरिका पहले ही दक्षिण कोरिया में थाड मिसाइल को तैनात कर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से दिए जाने वाले बयान पर अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप वही भाषा बोल रहे हैं जो किम को समझ में आती है। उन्होंने यह भी कि कहा कि किम कूटनीतिक भाषा नहीं समझते हैं लिहाजा ट्रंप की भाषा बिल्कुल सही है।
उत्तर कोरिया के मुद्दे पर अमेरिका एकजुट
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट का कहना है कि उत्तर कोरिया के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों को लेकर कुछ लोग असहमत हो सकते हैं लेकिन अमेरिका एकमत है। चाहे व्हाइट हाउस हो, विदेश मंत्रालय हो या रक्षा मंत्रालय। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर दुनिया एक स्वर में बात कर रही है और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी देखने को मिला था, जहां एक सप्ताह से भी कम समय पहले उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था।
अमेरिका और उत्तर कोरिया की क्षमता पर एक नजर :-
परमाणु हथियार | अब तक परमाणु परीक्षण | मिसाइल रेंज | पहला परमाणु परीक्षण | सैन्य क्षमता | टैंक क्षमता | लड़ाकू विमान | |
अमेरिका | 6000-7000 | 1054 | 15000 किमी. | 1939 | 12 लाख जवान | 8848 | 1344 |
उत्तर कोरिया | 15-22 | 5-6 | 4000 किमी. | 2006 | 14 लाख जवान | 4200 | 58 |
परमाणु हथियार
अमेरिका : 6 से 7 हजार
उत्तर कोरिया : 15 से 22
अब तक परमाणु परीक्षण
अमेरिका : 1054
उत्तर कोरिया 5-6
मिसाइल रेंज
अमेरिका : 15 हजार किमी
उत्तर कोरिया : 4 हजार किमी
पहला परमाणु परीक्षण
अमेरिका : 1939
उत्तर कोरिया : 2006
सैन्य क्षमता
अमेरिका : 14 लाख जवान
उत्तर कोरिया : 14 लाख जवान
टैंक क्षमता
अमेरिका : 8848
उत्तर कोरिया : 4200
लड़ाकू विमान
अमेरिका : 1344
उत्तर कोरिया : 58
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