संबंध सुधारने के लिए खाड़ी देशों ने कतर के सामने रखी ये 13 मांग
खाड़ी देशों ने कतर को संबंध सुधारने के लिए मौका दिया है। इसके तहत इन देशों ने एक मांग पत्र तैयार किया है जिसमें 13 मांग हैं जिन्हें कतर को मानना होगा।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। कतर से सभी तरह के राजनयिक रिश्ते खत्म करने वाले देशों ने अब उसके सामने रिश्तों को सुधारने के लिए एक मसौदा पेश किया है। इस मसौदे के तहत इन देशों ने कतर को 13 मांग सौंपी हैं। इसमें अल जजीरा चैनल को बंद करने समेत ईरान से दूरी बनाना भी है। इस मसौदे का मकसद कतर के चलते खाड़ी देशों के बीच उठे विवाद को समाप्त करना है। गौरतलब है कि पिछले दिनों खाड़ी के देशों ने मिलकर कतर पर यह आरोप लगाते हुए रिश्ते समाप्त कर लिए थे कि वह आतंकवाद को पनाह देता है। बहिष्कार की वजह से कतर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस विवाद को कम करने की कोशिश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी की थी लेकिन उन्हें सऊदी अरब से मुंह की खानी पड़ी थी। बाद में पाकिस्तान में मौजूद सऊदी के राजदूत ने इस तरह की मध्यस्थता को सिरे से खारिज भी कर दिया।
मौजूदा समय में कतर को संबंध सुधारने के लिए जो 13 मांग रखी गई हैं उन्हें सऊदी अरब, मिस्र, यूएई, बेहरीन ने तैयार किया है। इन्होंने ही कतर से सभी तरह के आर्थिक, राजनयिक संबंध तोड़े हैं। इन 13 मांग में एक मांग यह भी है कि कतर को अपने यहां तुर्की के मिलिट्री बेस को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए। इसके अलावा कतर में मौजूद सभी आतंकियों की गिरफ्तारी की भी मांग को इस मसौदे में शामिल किया गया है। खाड़ी देशों का यह भी आरोप है कि कतर ब्रदरहुड जैसे चरमपंथी संगठनों का समर्थन करता है।
यह भी पढ़ें: मोदी की यूएस यात्रा से पहले ही इन दो फ्रंट पर भारत को मिली जीत
अरब के चार देशों ने कतर पर आतंकवादी संगठनों को फंड देने का भी आरोप लगाया है। हालांकि, कतर इस तरह के आरोपों को हमेशा से ही नकारता रहा है। फिलहाल खाड़ी देशों के इस नए मसौदे पर कतर की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सोमवार को कतर के विदेश मंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने साफ कर दिया था कि अब खाड़ी के अन्य देशों से दोबारा संबंध कायम करने तक किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी। इस नए मसौदे के लिए कतर को दस दिन दिए गए हैं। फिलहाल मांगों का यह मसौदा कुवैत को सौंप दिया गया है। कुवैत इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की भूमिका अदा कर रहा है।
यह भी पढ़ें: सऊदी अरब में भारतीयों पर पड़ी मार, परिवार रखा तो चुकाना होगा ये टैक्स
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के लिए दुश्मन बन सकते हैं उसके ही दोस्त, हो सकता है नुकसान
यह भी पढ़ें: जानें कैसे भारत के लिए अहम है F-16 निर्माण के लिए टाटा-मार्टिन का साथ आना