संविधान में बदलाव को लेकर इटली में जनमत संग्रह आज
इटली में आज संविधान संशोधन के लिए जनमत संग्रह होगा। इसके लिए जनता 'हां' या 'ना' में अपना मत डालेगी।
रोम (रॉयटर)। इटली में रविवार को संविधान में बदलाव के लिए जनमत संग्रह होने वाला है। इसके लिए वहां की जनता आज 'हां' या 'ना' में अपना मत देगी। सरकार संविधान में बड़े परिवर्तन करने के लिए जनता की राय जानने के मकसद से यह जनमत संग्रह करवा रही है। लेकिन यदि लोगों ने इसको नकार दिया या फिर अधिकतर मत 'ना' के लिए पड़े तो प्रधानमंत्री मैटियो रेंजी के लिए यह परेशानी का सबब बन सकता है। यहां तक की उनकी कुर्सी भी जा सकती है। इसको काफी कुछ ब्रेक्सिट के तौर पर ही लिया जा रहा है।
बाजार पर असर
बाजार के जानकारों की मानें तो अगले हफ्ते बाजार की चाल पर रविवार को इटली में होने वाले जनमत संग्रह का असर पड़ सकता है। जनमत संग्रह के फैसले से बाजार में एक बार फिर अस्थिरता देखने को मिल सकती है।यदि इटली के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा तो जाहिर है कि वैश्विक बाजार पर इसका नकारात्मक रुझान देखने को मिलेगा। इसका बाजार पर नकारात्मक प्रभाव भी जरूर पड़ेगा।
संविधान में बदलाव का विरोध
इटली में इस जनमत-संग्रह को लेकर जबरदस्त हो-हल्ला है। संवैधानिक सुधार के मुद्दे पर हो रहे इस जनमत संग्रह का कई लोग विरोध भी कर रहे हैं। इटली की मशहूर एक्ट्रेस पाओला सॉलिनो भी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ खड़ी हुई हैं। उन्होंने तो जनमत-संग्रह में ‘ना’ का समर्थन करने वालों के लिए सेक्स एक्ट परफॉर्म करने का ऑफर दे डाला है। इस मसले पर एक्ट्रेस पाओला का कहना है कि देश में सबकुछ ठीक चल रहा है। ऐसे में संविधान में बदलाव लाने की जरूरत ही क्यों पड़ रही है।
जानी-मानी एकट्रेस ने भी किया विरोध
पाओला का कहना है कि ऐसा करके वर्तमान पार्टी अपनी ताकत बढ़ाना चाहती है। पाओला ने साफ तौर पर पीएम रेनजी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी की ताकत बढ़ाने के लिए ही जनमत-संग्रह करवा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करके रेनजी ने अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगा दिया है। इस जनमत संग्रह का सीधा असर 2018 में होने वाले आम चुनावों पर पड़ेगा।