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आइएस ने 100 विदेशी लड़ाकों को मौत के घाट उतारा

सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने अपने 100 विदेशी लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया है। अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने यह दावा किया है। अखबार के मुताबिक इन लड़ाकों का सीरिया में लड़ाई की वास्तविकताओं से मोहभंग हो गया था।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 08:57 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 09:38 AM (IST)
आइएस ने 100 विदेशी लड़ाकों को मौत के घाट उतारा

लंदन। सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने अपने 100 विदेशी लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया है। अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने यह दावा किया है। अखबार के मुताबिक इन लड़ाकों का सीरिया में लड़ाई की वास्तविकताओं से मोहभंग हो गया था। वे राका स्थित आइएस मुख्यालय से भागने की फिराक में थे। एक कार्यकर्ता ने अखबार से बातचीत में खबर की पुष्टि की है।

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इधर, राका में आइएस लड़ाकों ने बताया कि संगठन ने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं करने वाले विदेशी लड़ाकों पर शिकंजा कसने के लिए मिलिट्री पुलिस का गठन किया है। दर्जनों घरों पर छापेमारी कर कई लड़ाकों को गिरफ्तार किया गया है। अक्टूबर में ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया था कि ब्रिटेन के पांच, फ्रांस के तीन, जर्मनी के दो और बेल्जियम के दो नागरिक घर लौटना चाहते हैं, जिन्हें आइएस ने कैद कर लिया। किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के ‘कट्टरता पर अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र’ के अनुसार तीस से 50 ब्रिटिश घर लौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें गिरफ्तार किए जाने का डर है।

फंड जुटाने के नए-नए तरीके
दमिश्क। आइएस फंड जुटाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहा है। इसके लिए मानव अंगों की तस्करी से लेकर संगठन के समर्थक बैंकों से कर्ज तक ले रहे हैं।

मानव अंगों की तस्करी
अल मॉनिटर वेबसाइट के अनुसार आइएस बंधकों और मारे गए अपने सैनिकों के अंगों की तस्करी कर रहा है। शरीर से अंगों को निकालने के लिए बकायदा विदेशी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए हैं। मानव अंगों की तस्करी का सऊदी अरब सबसे बड़ा बाजार है। आइएस उत्तरी इराक स्थित कई ईसाई मठों और चचरे पर कब्जा कर चुका है। ये मठ और चर्च सैकड़ों साल पुराने हैं और इनमें मौजूद कलाकृतियां अमूल्य हैं।

जेहादी ले रहे हैं लोन
आइएस में शामिल होने के लिए मलेशिया से सीरिया जाने वाले युवक यात्र के खर्चों के लिए लोन ले रहे हैं। न्यू स्ट्रेट टाइम्स ने पुलिस के हवाले से बताया कि अब तक पांच संदिग्धों को पकड़ा गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्होंने सीरिया जाने के लिए न केवल अपनी संपत्ति बेच दी, बल्कि बैंकों से लोन लिया था।

फॉक्स न्यूज के मुताबिक आइएस ने बहनाम वा सारा और अल कैमा चर्च को कारागाह में तब्दील कर दिया है। इस्लाम नहीं स्वीकार करने की स्थिति में यहां यातना दी जाती है।

सैन्य अड्डे पर कब्जा
दमिश्क। सीरिया में नुसरा फ्रंट और अन्य कट्टरपंथी संगठनों ने इदलिब प्रांत स्थित अल दैफ सैन्य अड्डे पर कब्जा जमा लिया है।

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