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आइएस आतंकियों ने 10 लोगों के काटे सिर

इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों ने सीरिया के उत्तरी कुर्दिश क्षेत्र में 10 लोगों का सिर काट दिया। इनमें सात पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। ब्रिटिश मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी ने बुधवार को बताया कि आइएस का विरोध करने वालों को डराने के लिए यह घिनौना कदम उठाया गया है। संस्था के प्रमुख रा

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 09:43 AM (IST)
आइएस आतंकियों ने 10 लोगों के काटे सिर

बेरुत। इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों ने सीरिया के उत्तरी कुर्दिश क्षेत्र में 10 लोगों का सिर काट दिया। इनमें सात पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। ब्रिटिश मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी ने बुधवार को बताया कि आइएस का विरोध करने वालों को डराने के लिए यह घिनौना कदम उठाया गया है।

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संस्था के प्रमुख रामी अब्दुल रहमान ने बताया कि आइएस विरोधी पांच कुर्द लड़ाकों और चार सीरियाई अरब विद्रोहियों को मंगलवार को कोबानी के पश्चिम में पकड़ा गया और उनके सिर काट दिए गए। कोबानी तुर्की की सीमा के पास कुर्दो का शहर है, जिस पर आइएस घेरा डाले हुए हैं। जिन पांच कुर्द लड़ाकों का सिर काटा गया है, उनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। उनके मुताबिक, एक कुर्द नागरिक का भी सिर काट दिया गया। दूसरी ओर बुधवार को अमेरिकी नेतृत्व में कोबानी शहर की घेराबंदी किए हुए आइएस लड़ाकों पर हवाई हमले प्रारंभ किए गए।

तुर्की ने कहा, आइएस के खिलाफ संभालेंगे मोर्चा

अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एरदोगान ने बुधवार को घोषणा की कि उनका देश इस्लामिक स्टेट (आइएस) समेत हर आतंकी गुट के खिलाफ मदद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि टैंक और बख्तरबंद वाहन सीरिया सीमा पर पहुंचा दिए गए हैं। मगर उन्होंने स्पष्ट कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को हटाए बिना स्थायी समाधान नहीं निकलेगा।

सीरिया में आतंकी गुट आइएस के मजबूत होने से सबसे ज्यादा परेशान पड़ोसी राष्ट्र तुर्की है। तुर्की की परेशानी यह है कि लाखों कुर्द समेत करीब 15 लाख सीरियाई शरणार्थी तीन साल के दौरान उसकी सीमा में आ चुके हैं। साथ ही तमाम कोशिशों के बावजूद सीरिया से असद को हटाया नहीं जा सका। तुर्की दशकों से कुर्द विद्रोह का सामना कर रहा है। यदि यह शरणार्थी कुर्दो विद्रोहियों के संपर्क में आ गए तो एरदोगान के लिए परेशानी खड़ी हो जाएंगी।

साथ ही अमेरिकी हमलों और आइएस की वजह से सीरिया के विद्रोही कमजोर पड़ रहे हैं। यह दोनों ही स्थितियां एरदोगान के लिए मुश्किल खड़ी करने वाली हैं। उन्होंने संसद में कार्रवाई का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि हमें स्थायी समाधान निकालना होगा। यदि प्रस्ताव पारित हो गया तो तुर्की की सेना सीरिया के अंदर जाकर भी कार्रवाई कर सकेगी। साथ ही आइएस के खिलाफ विदेशी सैनिकों को अपने अड्डों के प्रयोग की अनुमति दे सकता है। सीमा के नजदीक सीरिया में आइएस आतंक मचा रहा है। इसलिए तुर्की सरकार पर दबाव और बढ़ गया है। तुर्की की इराक और सीरिया से करीब 1,200 किमी सीमा जुड़ी हुई है।

ब्रिटेन पर हो सकता है हमला

लंदन। आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में शामिल ब्रिटेन ने आशंका जताई है कि आइएस उस पर परमाणु और जैविक हमले भी कर सकता है। ब्रिटेन की गृह मंत्री थेरेसा मे ने कहा कि अगर आइएस सीरिया और इराक में अपना कब्जा करने में सफल रहता है तो जल्द ही दुनिया के पहले आतंकी राज्य की स्थापना हो जाएगी। उन्होंने कहा कि परमाणु और जैविक हमले के खतरे को देखते हुए इस गुट को खत्म करना बेहद जरूरी है। इस बीच, ब्रिटेन ने अनुमति के बाद आइएस के ठिकानों पर हवाई हमले किए। कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन ने दो लड़ाकू विमानों हमलों के लिए तैनात किए थे। लड़ाकू विमान टॉरनेडो ने इराक में एक ट्रक को निशाना बनाया।

ऑस्ट्रेलिया का विमान भी बरसाएगा बम

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा कि आइएस के ठिकानों पर हवाई हमलों में ऑस्ट्रेलिया का भी एक विमान शामिल हो जाएगा। अमेरिका एक हफ्ते से सीरिया पर हवाई हमले कर रहा है और अगस्त से इराक को भी निशाना बना रखा है। पिछले महीने ही प्रधानमंत्री एबॉट ने गठबंधन में शामिल होने के संदर्भ में चल रही तैयारी में 10 विमान और 600 कर्मी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भेजे थे। उन्होंने कहा, 'जल्द ही ऑस्ट्रेलिया का विमान इराक में उड़ान भरेगा।' आतंकी हमलों की धमकियों के बाद ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया है अधिकारियों का मानना है कि 160 से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक आइएस से जुड़ गए हैं। इसमें से लगभग 20 नागरिक देश लौट चुके हैं जो यहां की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।

अमेरिकी गठबंधन अवैध

सीरिया दौरे पर आए इराक के एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका का आइएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन अवैध है। इराकी अधिकारी अली शमखानी ने कहा कि इराक घरेलू मामलों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप नहीं स्वीकार करता है इसलिए उन्होंने इस गठबंधन का साथ देने से मना कर दिया।

सीरिया के स्कूल पर हमला, 10 बच्चों समेत 17 की मौत

दमिश्क। सीरिया में सरकार नियंत्रित इलाके के एक स्कूल में हुए धमाकों में 10 बच्चों समेत 17 की मौत हो गई। यह हमला होम्स शहर में हुआ, जहां अलावितीस अल्पसंख्यक रहते हैं। राष्ट्रपति बशर अल असद इसी समुदाय से हैं।

होम्स प्रशासन ने बताया कि धमाके उस समय हुए, जब बच्चे स्कूल से बाहर निकल रहे थे। इस हमले में 56 लोग घायल भी हुए हैं। सरकारी चैनल की फुटेज में इलाका तबाह दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पहला धमाका वहां खड़ी कार में हुआ। इसके बाद एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया। ब्रिटिश मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जरवेटरी ने दावा किया है कि 18 लोग मारे गए और 40 घायल हुए हैं। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे बताए जा रहे हैं। होम्स के गवर्नर तलात बराजी ने बच्चों पर किए गए आतंकी हमलों को कायरतापूर्ण बताया है। इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। मगर इसका आरोप विद्रोहियों पर लगाया गया है। उन्होंने पहले भी ऐसे कई हमलों को अंजाम दिया है।

ऑब्जरवेटरी ने दावा किया कि उत्तरी शहर अलेप्पो में सरकारी विमानों की गोलाबारी में आठ लोगों की मौत हो गई। इनमें चार बच्चे और एक महिला शामिल है। सरकारी हेलिकॉप्टरों ने पूर्वी अलेप्पो में बने अल कद्र और सखूर के बीच हमला किया। वहीं, हमा प्रांत के कफ्र जिता शहर में विद्रोही लड़ाकों की बैरक पर हुए हमले में 17 की मौत हो गई।

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