दाउद के भाई को दफनाने के लिए छावनी बना कराची, ISI ने दी पूरी सुरक्षा
सूत्रों के मुताबिक लोगों की नजरों से बचाने के लिए जनाजे की प्रक्रिया को बहुत जल्दबाजी में पूरा किया गया। कराची के कब्रिस्तान में सुबह पांच बजे से छ: बजे के बीच हुमायू को दफनाया गया
नई दिल्ली। भारत के मोस्ट वांडेट अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के भाई हुमायूं कासकर की गुरूवार को हुई मौत के बाद पाकिस्तान की सीक्रेट सर्विस एजेंसी आइएसआइ ने उसके अंतिम क्रियाक्रम तक दाउद और उसके नजदीकी लोगों को कड़ी सुरक्षा प्रदान की।
सूत्रों के मुताबिक दाउद के भाई हुमायूं कासकर की गुरूवार को कराची के सबसे हाई प्रोफाइल और सुरक्षित माने जाने वाले क्लिफटन रोड स्थित घर पर मौत हो गई थी। वो सात साल से कैंसर से पीड़ित था और उसका दुबई के एक अस्पताल से इलाज चल रहा था।
पुलिस सूत्रों जा रहा है कि हुमायूं की मौत के बाद आइएसआइ ने उसके जनाजे में आई सभी लोगों को पूरी सुरक्षा प्रदान की। बताया जा रहा है कि कराची के जिस कब्रिस्तान में हुमायूं को दफनाया गया वहां तक पुलिस और आइएसआइ के अधिकारियों ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी। मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक दाउद के कई करीबी उसके भाई के जनाजे में शामिल होने के लिए कब्रिस्तान तक पहुंचे थे जिन्हें आइएसआइ ने कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखा था।
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियां और मुंबई क्राइम ब्रांच इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है कि क्या दाउद भी अपने भाई के जनाजे में शामिल हुआ था? हालांकि सुरक्षा एजेंसियां अभी तक इस बारे में निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कह रही है कि दाउद अपने भाई के जनाजे में शामिल हुआ या नहीं?
सूत्रों के मुताबिक लोगों की नजरों से बचाने के लिए जनाजे की प्रक्रिया को बहुत जल्दबाजी में पूरा किया गया। जानकारी के मुताबिक कराची के कब्रिस्तान में सुबह पांच बजे से छ: बजे के बीच में हुमायूं को दफनाया गया और फिर नमाज पढी गई। ये भी बताया जा रहा है कि जिस वक्त हुमायूं को दफनाया गया उस वक्त आम लोगों के लिए कब्रिस्तान को बंद कर दिया गया।
मिड डे की खबर के मुताबिक कराची के क्लिफटन रो़ड पर ही दाउद, उसके साथ अनीस और हुमायूं का बंगला है। बताया जाता है कि अनीस पिछले सात सालों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहा था और 40 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई।