मलेशिया में मंदिर पर हमले की फिराक में था आइएस
मलेशियाई पुलिस ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर देश को दहलाने की इस्लामिक स्टेट (आइएस) की साजिश को विफल कर दिया है। ये आतंकी बातू गुफा स्थित प्रसिद्ध मंदिर, मनोरंजन स्थल और थानों पर
कुआलालंपुर, पीटीआई : मलेशियाई पुलिस ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर देश को दहलाने की इस्लामिक स्टेट (आइएस) की साजिश को विफल कर दिया है। ये आतंकी बातू गुफा स्थित प्रसिद्ध मंदिर, मनोरंजन स्थल और थानों पर हमले की फिराक में थे। इनकी योजना 31 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमले की थी।
तीनों आतंकियों को सेलान्गोर और पहांग से 27 और 29 अगस्त के बीच विशेष आतंकवाद निरोधक शाखा ने गिरफ्तार किया। पुलिस महानिरीक्षक खालिद अबु बकर ने बताया कि जो जगह इनके निशाने पर थे उनमें बातू गुफा स्थित भगवान मुरुगन को समर्पित तीर्थस्थल भी है।
उन्होंने बताया कि 20 वर्षीय पहले संदिग्ध को 27 अगस्त को ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ सेलांगोर से पकड़ा गया। दो अन्य संदिग्धों को 29 अगस्त को हिरासत में लिया गया जिनकी उम्र 27 और 20 साल है। हमला करने के बाद तीनों सीरिया जाने की योजना बना रहे थे।
खालिद ने बताया कि तीनों आतंकियों को मोहम्मद वान्दी मोहम्मद जेदी आदेश दे रहा था। जेदी एक मलेशियाई है और सीरिया में आइएस की ओर से लड़ रहा है। जून में कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में एक बार पर ग्रेनेड हमले का आदेश उसने ही दिया था। मलेशिया की जमीन पर आइएस का यह पहला सफल हमला था।
गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल मलेशिया पड़ोसी देश इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में जनवरी में हुए हमले के बाद से हाई अलर्ट पर है। इस महीने की शुरुआत में 68 नागरिकों का पासपोर्ट रद किया गया था। इनके आइएस में शामिल होने के लिए मलेशिया से भागने की आशंका थी।
अब तक दो सौ नागरिक संदिग्ध गतिविधियों में गिरफ्तार किए गए हैं और 18 मलेशियाई सीरिया में आइएस की ओर से लड़ते हुए मारे जा चुके हैं।
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