मोसुल में अब भी जारी है क्रूरता, IS का ढाल बनने को लाचार हैं लोग
मोसुल पर कब्जा करने को इराकी सेना अग्रसर है पर आइएस अपनी रक्षा के लिए बंदूक के बल पर लोगों को ढाल बनने पर मजबूर कर रहा है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। इस्लामिक स्टेट के आतंकी मोसुल के दक्षिणी गांवों के हर घर में जा रहे हैं और अपने बचाव के लिए बंदूक के बल पर ग्रामीणों को अपना आवरण बना रहे हैं।
ऐसे ही एक ग्रामीण अहमद बिलाल हरीश ने बताया, ‘आइएस ने बंदूक के बल पर हमारे घर से हम सभी को साथ में लिया और कहा कि हमें मोसुल लेकर जा रहे हैं। और यह भी कहा कि यदि हम उनके साथ नहीं आते हैं तो मतलब है कि हम नास्तिक हैं।‘ उन्होंने बताया कि मोसुल जाने के क्रम में घर से 25 मील दूर अचानक हवाई हमले के कारण हम बच सके। इस हमले से तितर बितर हुई भीड़ में वे और उनका परिवार बचने में सफल रहे। उन्होंने आगे बताया कि हमारे पास दो रास्ते थे दायश (आइएस आतंकी) के हाथों मरें या रास्ते में मरें इसलिए हम भागे। अब उनका परिवार कैंप में रह रहा है। यह कैंप विस्थापितों के लिए सरकार द्वारा बनायी गयी है।
अन्य शूरा निवासियों को भी बलपूर्वक मोसुल ले जाया जा रहा है। आतंकी लोगों को कुछ मिनटों का समय देते हैं और कहते हैं कि यदि कोई छिपने या इराकी सुरक्षा बल से जुड़ने का प्रयास करता है तो उसे दंड दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, एक परिवार को खाने के बीच से उठने को आतंकियों ने मजबूर कर दिया, एक अपने रिश्तेदारों से बिछड़ गया और तो और एक ग्रामीण की मौत रास्ते में दिल का दौरा पड़ने से हो गयी। सुरक्षा कारणों से अपना नाम छिपाने की शर्त पर विस्थापितों ने ये बातें बतायीं। इराकी आर्मी के 15वें डिविजन के ब्रिग जेन अला महसिन ने बताया कि आइएस आतंकी अपनी सुरक्षा कवच के तौर पर वहां के नागरिकों का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि शहर को वापस लेने के लिए इराकी आर्मी तेजी से बढ़ रही है।
17 अक्टूबर से शुरू हुए ऑपरेशन के दौरान इराकी सुरक्षा बल मोसुल की ओर अनेक दिशाओं से बढ़ रहे हैं। इराक की इस दूसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा करने में हफ्तों का समय लगेगा।