इराकी सेना ने मोसुल में अल नूरी मस्जिद को घेरा
इराकी सेना ने मोसुल में अल नूरी मस्जिद को घेर लिया है। पुराने शहर में अभी भी हजारों नागरिक फंसे हैं
मोसुल, रायटर । इराक में इस्लामिक स्टेट (आइएस) से लोहा ले रही इराकी सेना पश्चिमी मोसुल में अल-नूरी मस्जिद के करीब पहुंच चुकी है। सेना ने बुधवार को मस्जिद की घेराबंदी कर ली। इसी मस्जिद से आइएस प्रमुख अबू बकर अल-बगदादी ने 2014 में खुद को खलीफा घोषित किया था। इस लड़ाई का मुख्य जोर मस्जिद के समीप स्थित पुराना मोसुल है। घमासान लड़ाई अभी भी हजारों लोग अपने घरों में फंसे हैं। आतंकी उनका इस्तेमाल ढाल की तरह कर रहे हैं।
पुराने शहर में आतंकी नागरिकों के बीच छिपे हुए हैं और घरों से सेना पर हमला कर रहे हैं। भाग निकले लोगों ने बताया कि तंग गलियां आतंकियों के लिए मददगार साबित हो रही हैं। फेडरल पुलिस प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राएद शकेर जवदात ने कहा है, 'फेडरल पुलिस ने पुराने मोसुल में काधीब अल-बान इलाके और अल-मालब स्टेडियम पर नियंत्रण पा लिया है।'
विस्फोट में हजारों नागरिक मारे गए
घनी आबादी वाला इलाका होने से पश्चिमी मोसुल में हजारों नागरिक मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि पिछले महीने बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए। आइएस आतंकी नागरिकों का इस्तेमाल ढाल की तरह कर रहे हैं। इराक मंे अमेरिकी कमांडर ने कहा कि मोसुल में हुए विस्फोट में अमेरिकी नीत गठबंधन की भूमिका हो सकती है। लेकिन कमांडर ने कहा कि इसके लिए आइएस को भी जवाबदेह माना जाना चाहिए। स्थानीय अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अल-जादिदा जिले में 17 मार्च को बड़ा धमाका होने से भवन धराशायी हो गए। इसमें कम से कम 240 लोग मारे गए।
'इराक में बेहतर कर रहा है अमेरिका'
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी सेना इराक में बेहतर कर रही है। उन्होंने कहा कि खतरनाक आतंकी समूह आइएस के साथ लड़ाई में सैनिक पूरे दमखम के साथ जुटे हैं।पोप फ्रांसिस ने इराक में नागरिकों को बचाने की अपील की है। उन्होंने बुधवार को कहा कि मोसुल पर कब्जे में जुटी सेना पर निर्दोष नागरिकों को बचाने की जवाबदेही है।