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नन्हे जोन्स को एक साल से नहीं लगी भूख-प्यास

एक साल पहले 12 वर्षीय लंदन जोन्स को भूख और प्यास का अहसास होना बंद हो गया। उसकी इस रहस्यमयी बीमारी को पकड़ पाने में पांच बड़े अस्पतालों के डॉक्टर भी नाकाम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अपने प्रकार का दुनिया में इकलौता मामला है। 'डेस मोइनेस रजिस्टर' वेबसाइट की खबर के अनुसार, एक साल पहले 14, अक्टूबर 2013 की सुबह ज

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 09:44 AM (IST)
नन्हे जोन्स को एक साल से नहीं लगी भूख-प्यास

लंदन। एक साल पहले 12 वर्षीय लंदन जोन्स को भूख और प्यास का अहसास होना बंद हो गया। उसकी इस रहस्यमयी बीमारी को पकड़ पाने में पांच बड़े अस्पतालों के डॉक्टर भी नाकाम हैं।

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विशेषज्ञों का मानना है कि यह अपने प्रकार का दुनिया में इकलौता मामला है। 'डेस मोइनेस रजिस्टर' वेबसाइट की खबर के अनुसार, एक साल पहले 14, अक्टूबर 2013 की सुबह जब जोन्स सोकर उठा तो उसने भूख और प्यास की अनुभूति खो दी थी। जबकि, पिछली रात उसने एक पिज्जा और आइसक्त्रीम खाई थी। यही नहीं, उसने अपनी पसंदीदा बाइक से बाहर जाना और पार्क में दोस्तों व भाई के साथ खेलना भी बंद कर दिया। वह बीमार रहता है और दिन में करीब चौबीसों घंटे उसे चक्कर आते रहते हैं।

वाटरलू निवासी जोन्स के माता पिता माइकल और डेबी अपने बेटे की बीमारी का पता लगाने और इलाज के लिए अमेरिका के अलग अलग पांच शहरों में गए, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। फिलहाल अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जोन्स की जांच करने पर विचार कर रहा है। इस संस्थान को केवल दुर्लभ बीमारियों की जांच के लिए ही जाना जाता है।

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