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भारत में चीन का निवेश छह गुना बढ़ा

भारत में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई थी। भारत चीन से अधिक निवेश के लिए जोर देता रहा है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Wed, 25 May 2016 02:50 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 07:40 AM (IST)
भारत में चीन का निवेश छह गुना बढ़ा

बीजिंग, प्रेट्र : भारत में चीन के निवेश में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। सालाना आधार पर वर्ष 2015 में यह छह गुना बढ़कर 87 करोड़ डॉलर हो गया। चीन की कंपनियों पर प्रतिबंधों में ढील और अनुकूल टैक्स दरों के चलते और निवेश की उम्मीद है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की चीन यात्रा से पहले सरकारी अखबार में इस बाबत खबर दी गई।

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चीन के व्यापार विशेषज्ञों के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन की कंपनियों का भारत में निवेश 2015 में 2014 की तुलना में छह गुना हो गया। इसकी मुख्य वजहों में निवेश प्रतिबंधों में रियायत, अनुकूल टैक्स और भूमि किराया नीतियां शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में चीन का निवेश 2015 में बढ़कर लगभग 87 करोड़ डॉलर हो गया जो कि 2014 की तुलना में छह गुना है।

भारत सरकार ने पिछले साल से मेक इन इंडिया कैंपेन में चीन का ज्यादा से ज्यादा निवेश हासिल करने के प्रयास शुरू किए हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बुधवार को गुआंगझू शहर में भारत-चीन बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे। इसमें 300 से अधिक चीनी निवेशकों और उद्योगपतियों के शिरकत करने की उम्मीद है। आधिकारिक भारतीय आंकड़ों के मुताबिक, भारत में चीन से कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) अभी तक करीब 1.24 अरब डॉलर है। चीन के अधिकारियों ने बताया कि भारत में कई परियोजनाओं में निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है। इस लिहाज से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

भारत में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई थी। चीनी निवेशकों के लिए निवेश के माहौल को सुगम बना रहा भारत चीन से अधिक निवेश के लिए जोर देता रहा है। इसकी बड़ी वजह द्विपक्षीय व्यापार घाटा है। यह चीन की तरफ झुका हुआ है। बीते साल दोनों देशों के बीच करीब 71 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसमें से करीब 48 अरब डॉलर चीन के पक्ष में रहा।

हाल के वर्षो में चीन की कंपनियों ने भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। चीन के दिग्गज बैंकों में से एक इंडस्टि्रयल कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आइसीबीसी) ने 2015 में अपनी मुंबई शाखा में एक विशेष दल बनाया है। यह भारत में विलय और अधिग्रहण के लिए चीन के क्लाइंटों को परामर्श सेवाएं देता है।

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