पाक के परमाणु ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं इंदिरा
1980 में सत्ता में लौटने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के एक दस्तावेज के हवाले से इस बात का दावा किया गया
वाशिंगटन। 1980 में सत्ता में लौटने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के एक दस्तावेज के हवाले से इस बात का दावा किया गया है।
इंदिरा गांधी के मन में यह विचार उस समय आया था जब अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का फैसला शुरुआती चरण में ही था। सीआइए द्वारा तैयार दस्तावेज 'इंडियाज रिएक्शन टू न्यूक्लियर डेवलपमेंट्स इन पाकिस्तान' के हवाले से यह बात सामने आई है।
इस साल जून में सीआइए के वेबसाइट पर पोस्ट किए गए दस्तावेज के अंश के मुताबिक इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम की प्रगति को लेकर काफी चिंतित थी। भारत का मानना था कि पाकिस्तान परमाणु हथियार हासिल करने से कुछ ही कदम दूर है।
सीआइए का मानना था कि भारत की चिंता जिस तरह से बढ़ रही थी, मामला काफी गंभीर हो सकता था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पाक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकती थीं। इसके लिए प्रारंभिक चरण में भारत, पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाता। उन ठिकानों पर हमले करता। सीआइए के एक अति संवेदनशील दस्तावेज में इस बात का दावा किया गया है। रिपोर्ट तैयार करते समय सीआइए का कहना था कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया था।
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