डेमोक्रेटिक सम्मेलन में भारतीयों का जलवा
भारतीय मूल के तीन लोगों ने सम्मेलन को संबोधित किया। ये हैं-नीरा टंडन, एमी बेरा और राजा कृष्णमूर्ति।
फिलाडेल्फिया, प्रेट्र। डेमोक्रेटिक सम्मेलन के तीसरे दिन भारतवंशियों का खासा जलवा रहा। भारतीय मूल के तीन लोगों ने सम्मेलन को संबोधित किया। ये हैं-नीरा टंडन, एमी बेरा और राजा कृष्णमूर्ति। 45 साल की नीरा के बारे में माना जाता है कि यदि हिलेरी जीतीं तो वे उनके कैबिनेट का मुख्य चेहरा होंगी।
हिलेरी की प्रचार टीम की वे एकमात्र सदस्य हैं जिन्हें सम्मेलन को संबोधित करने के लिए बुलाया गया। एमी बेरा अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य हैं, जबकि राजा कृष्णमूर्ति इलिनॉयस से कांग्रेस का चुनाव लड़ रहे हैं। कृष्णमूर्ति का परिचय भविष्य के नेता के तौर पर कराया गया। तीनों ने हिलेरी की सराहना करते हुए उन्हें राष्ट्रपति चुने जाने की वकालत की।
गौरतलब है कि अमेरिका की कुल आबादी में भारतीय मूल के लोगों की संख्या महज एक फीसद है। लेकिन, कम से कम छह प्रांतों में इनकी भूमिका काफी मायने रखती है। खासकर, वर्जीनिया, ओहायो और पेंसिल्वेनिया में जहां डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच बराबरी का मुकाबला है। यही कारण है कि रिपब्लिकन पार्टी सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत अरदास से की गई थी।
भारत में दिया बयान बना विरोधियों का हथियार
डोनाल्ड ट्रंप की प्रचार टीम हिलेरी को घेरने के लिए भारत में उनकी ओर से दिए गए एक बयान का इस्तेमाल कर रहे हैं। 2005 में दिल्ली में हिलेरी ने आउटसोर्सिग का समर्थन किया था। ट्रंप खेमे की ओर से जारी विज्ञापन में इस बयान का इस्तेमाल कर कहा गया है कि वे भारत का भरोसा जीत रही हैं। विज्ञापन में दावा किया गया है कि इस बयान के कारण ही 2008 में क्लिंटन फाउंडेशन को भारत से लाखों डॉलर मिले थे। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार हिलेरी की प्रचार टीम इस विज्ञापन को बंद करने के लिए टीवी चैनलों पर दबाव डाल रही है।
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