घृणा और वीजा सख्ती के कारण भारतीय छात्रों का अमेरिका से हुआ मोहभंग
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से 47 प्रतिशत भारतीय और चीनी होते हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। घृणास्पद अपराधों के बढ़ने और ट्रंप प्रशासन के वीजा को लेकर सख्त रुख के चलते अमेरिका में पढ़ाई के इच्छुक भारतीय छात्रों की संख्या में खासी गिरावट आई है।
अमेरिका में 250 विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज चलाने वाले छह समूहों के सर्वे में पता चला है कि अंडर ग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए भारतीयों के आवेदन में 26 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि ग्रेजुएट क्लासों के लिए यह गिरावट 15 प्रतिशत की है। उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों को प्राप्त हुए सभी देशों के आवेदनों के आकलन से पता चला है कि पिछले वर्षों की तुलना में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से 47 प्रतिशत भारतीय और चीनी होते हैं। दोनों देशों के करीब पांच लाख विद्यार्थी इस समय अमेरिका में पढ़ रहे हैं। आगामी वर्ष में पढ़ाई के लिए चीनी छात्रों की संख्या में भी गिरावट आई है। अंडर ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए 25 प्रतिशत तो ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए 32 प्रतिशत कम आवेदन प्राप्त हुए हैं।
आवेदनों में गिरावट का कारण जानने की कोशिश में पता चला कि छात्र और उनके परिजन अमेरिकी दूतावासों के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने के व्यवहार से चिंतित हैं। साथ ही अमेरिका में तेजी से बदल रहा माहौल भी चिंता की वजह है, जिसमें दूसरे देशों से जाने वालों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति कम हो रही है। छोटे कारण के तौर पर भारत की नोटबंदी और रुपये की कमजोरी को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इन दोनों के चलते भारतीयों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। इसका असर उनके खर्च पर भी पड़ा है।
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