भारतीय मूल के इस युवा वैज्ञानिक ने खोज निकाला ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
भारतीय मूल के 16 वर्षीय क्रटिन नित्यनंदम ने ऐसे उपाय का पता लगाया है, जिससे ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर पीडि़तों पर दवा असरदार साबित हो सकेगी।
लंदन, प्रेट्र ।भारतीय मूल के ब्रिटिश किशोर ने ब्रेस्ट कैंसर के सबसे खतरनाक रूप के इलाज का प्रभावशाली तरीका ढूंढ़ने का दावा किया है। भारतीय मूल के 16 वर्षीय क्रटिन नित्यनंदम ने ऐसे उपाय का पता लगाया है, जिससे ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर पीडि़तों पर दवा असरदार साबित हो सकेगी। इस पर मौजूदा समय में दवा का असर नहीं होता है। सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी से ही इसके प्रसार को रोकना संभव है। इसके लिए नित्यनंदम को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित 'द बिग बैंग फेयर' के फाइनल में जगह दी गई है।
एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरॉन या ग्रोथ केमिकल में गड़बड़ी के कारण ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं। इसे दवा (जैसे टैमोक्सीफेन) की मदद से रोका जा सकता है। ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर में रिसेप्टर के अभाव के कारण दवाएं असरहीन हो जाती हैं। रिसेप्टर एक तरह का कोशिकीय ढांचा होता है जो रासायनिक पदार्थो के प्रति संवेदनशील है।
यह रिपोर्ट 'द संडे टेलीग्राफ' में नित्यनंदम के हवाले से प्रकाशित हुई है। इसमें इस युवा वैज्ञानिक ने कहा, 'मैं वास्तव में कैंसर के असाध्य रूपों के इलाज का तरीका तलाश रहा था। मेरा लक्ष्य इसे इलाज योग्य स्थिति में लाना था। आइडी-4 प्रोटीन अनडिफ्रेंशिएटेड स्टेम सेल कैंसर को डिफ्रेंशिएट में परिवर्तित होने से रोकता है। ऐसे में आइडी-4 को रोकना जरूरी हो जाता है। मैंने इस प्रोटीन को उत्पन्न करने वाले जीन को निष्कि्रय करने का तरीका ईजाद किया है, ताकि कैंसर खतरनाक स्तर तक न पहुंच सके।'
डिफ्रेंशिएटेड स्थिति में संक्रमित सेल्स स्वस्थ कोशिकाओं की तरह लगते हैं। इसकी विकसित और प्रसारित होने की रफ्तार अपेक्षाकृत कम होती है। यह स्थिति कम खतरनाक होती है। सेल्स के अनडिफ्रेंशिएटेड स्थिति में होने पर उसके फैलाव और विकास की गति बहुत बढ़ जाती है। इससे ट्यूमर खतरनाक हो जाता है और पहचान भी मुश्किल हो जाती है। नित्यनंदम ने ट्यूमर के प्रभाव को कम करने में मददगार पीटीईएन नामक जीन की भी पहचान की है। इस जीन की क्रियाशीलता बढ़ाने पर कीमोथेरेपी का असर ज्यादा प्रभावशाली हो जाता है। नित्यनंदम अलजाइमर के लक्षण का पता लगाने की नई विधि भी ढूंढ़ चुके हैं। इसके लिए उन्हें पिछले साल गूगल साइंस फेयर का विजेता घोषित किया गया था।
क्या है ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर
यह स्तन कैंसर का सबसे खतरनाक रूप है। ट्रिपल कैंसर निगेटिव में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और एचईआर-2 रिसेप्टर नदारद रहते हैं। तीनों की गैरमौजूदगी के चलते इसे ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का नाम दिया गया है। इसकी वृद्धि को सिर्फ कीमो से ही नियंत्रित किया जा सकता है।
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